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25 मई 2010

एमडीएस यूनिवर्सिटी के कॉलेजों को मान्यता के लिए बोर्ड ऑफ इंस्पेक्शन

अजमेर के एमडीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों को मान्यता देने से पहले उनकी पात्रता परखने के लिए और निर्धारित मानदंडों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए बोर्ड ऑफ इंस्पेक्शन का गठन किया जाएगा। इस संबंध में एमडीएस यूनिवर्सिटी में 26 मई को होने वाली बॉम की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। बीओआई नए कॉलेजों का इंस्पेक्शन कराने और रिपोर्ट के आधार पर संबद्धता देने या नहीं देने के विषय में अपनी टिप्पणी देगा।

इन कॉलेजों में मापदंडों की जांच-पड़ताल करने के लिए पैनलों के गठन का काम भी बीओआई को सौपा जाएगा। पैनल में कितने सदस्य होंगे और वे कितने समय में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस पैनल में किस स्तर के शिक्षक अधिकारियों को शामिल किया जाएगा इसका निर्धारण भी बीओआई करेगा। इसके अलावा संबद्धता प्राप्त कर चुके कॉलेजों में समय समय पर जाकर मापदंडों की जांच कराने की जिम्मेदारी बीओआई की ही होगी, इसमें सभी डीन शामिल किए जाएंगे।

बीओआई में सब कमेटी भी बनाई जाएगी जिसका काम कॉलेजों की रिपोर्ट जांच करने वाली पैनल से लेना और उसे क्रॉस चैक करना होगा। इसके बाद यह सब कमेटी अपनी रिपोर्ट बीओआई को देगी। रिपोर्ट के आधार पर ही बीओआई अपनी टिप्पणी दे सकेगी। इसमें कुलपति चेयरमैन होगा, कमिश्नर ऑफ कॉलेज भी इस बॉडी में सक्रिय भूमिका में होंगे।

पहले यह व्यवस्था थी : कॉलेजों के मापदंडों की जांच पड़ताल के लिए पहले टीचर्स की कमेटी बनाकर काम किया जाता रहा है। इस कमेटी में फिलहाल तीन डीन शामिल हैं। साथ ही एकेडमिक शाखा के डीआर जांच के लिए पैनल का गठन करते थे और पैनल की रिपोर्ट के आधार पर ही एफिलेशन दे दिया जाता था।

क्यों पड़ी जरूरत : कुलपति भगीरथ सिंह का कहना है कि कायदे से एफिलेशन का काम बीओआई के जिम्मे ही होता है, यूनिवर्सिटी के एक्ट में बीओआई के गठन का जिक्र हैं, लेकिन पिछले 22 साल में इसका गठन नहीं किया गया। पुरानी व्यवस्था में अनियमितता की आशंका ज्यादा है।

कॉलेजों को मान्यता देने के लिए बोर्ड ऑफ इंसपेक्शन गठित करने का प्रस्ताव बॉम की बैठक में रखा जाएगा। मान्यता संबंधी मानदंडों के पालन के लिए यह महत्वपूर्ण बॉडी साबित होगी। - भगीरथ सिंह, कुलपति, एमडीएस यूनिवर्सिटी

(दैनिक भास्कर,बीकानेर,25.5.2010)

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