बिलासपुर के गुरू घासीदास विश्वविद्यालय में अब डीफार्मा का पाठयक्रम बंद नहीं होगा। सोमवार को यूनिवर्सिटी के एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में एलएलबी इंटिग्रेटेड कोर्स सहित अन्य पाठ्यक्रमों को भी हरी झंडी मिल गई है।
गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग द्वारा नए सत्र से डीफार्मा पाठ्यक्रम बंद करने का निर्णय लिया गया था। मामले में दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद नएसयूआई ने विरोध किया, जिसपर कुलसचिव ने यह मामला एकेडमिक कौंसिल में रखने का आश्वासन दिया था।
सोमवार की दोपहर में हुई एकेडमिक कौंसिल की बैठक में इस मामले में सदस्यों ने विचार-विमर्श किया। इस पाठ्यक्रम में हर वर्ष प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या देखी गई। इस दौरान क्षेत्र में रोजगार की दृष्टि से जरूरत को भी आधार बनाते हुए पाठ्यक्रम बंद नहीं करने का फैसला लिया गया।
कौंसिल में एलएलबी इंटिग्रेटेड कोर्स इस सत्र से प्रारंभ करने की सहमति भी बनी। यहां न्यूक्लीयर साइंस, सिक्यूरिटी कोर्स प्रारंभ करने के लिए हरी झंडी मिल गई है। वर्तमान में सेंट्रल यूनिवर्सिटी से 121 कालेज संबद्ध हैं।
इनकी संबद्धता पर भी विचार किया गया था। बताया गया कि सभी कालेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षा ली जा चुकी है, इसलिए यहां द्वितीय व तृतीय वर्ष के कोर्स संचालित होंगे। सभी कालेजों की संबद्धता यथावत रखी गई है।
(दैनिक भास्कर,छत्तीसगढ़,25.5.2010)
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