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25 जून 2011

दिल्लीः10 से 15 हजार रुपए में फर्जी डिग्री देने वाले गिरोह का भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नामी शिक्षा संस्थानों की फर्जी डिग्री बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर दलाली कर यह गोरखधंधा करते थे।

पुलिस ने इनके ठिकानों पर छापा मारकर वहां से बीबीए, एमबीए, बीटेक की फर्जी डिग्री के साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों के 57 फर्जी रबर स्टैंप, कंप्यूटर, स्कैनर आदि बरामद किए गए हैं।

स्पेशल सेल के डीसीपी अरुन कंपानी ने बताया कि 22 जून को यह सूचना मिली थी कि मयूर विहार फेज-3 में फर्जी डिग्री बनाने वाला गिरोह सक्रिय है। इस सूचना के बाद बिना देरी किए स्पेशल सेल की टीम ने प्रवीन नामक युवक के घर छापा मारकर भारी संख्या में विभिन्न शिक्षा संस्थानों की फर्जी डिग्री जब्त की।

इसके अलावा, गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी स्थित रामेश्वर सिंह के घर भी छापा मारकर फर्जी डिग्री बनाने का काफी सामान बरामद किया। पूछताछ के दौरान रामेश्वर ने खुलासा किया कि वह पहले ऑटो चलाता था। उसका जीजा एचआरडी मंत्रालय में काम करता है।


वर्ष 1997 में जीजा के कहने पर वह एचआरडी मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए ऑटो चलाने लगा। इस दौरान उसने पाया कि रोजाना एचआरडी मंत्रालय में हजारों लोग अपने डिग्री के वेरिफिकेशन के लिए आते हैं। इसे देखकर उसने ऑटो चलाना छोड़ दिया और मंत्रालय के बाहर ही दलाली का धंधा शुरू कर दिया।
 
इसके बाद, फरवरी 2010 में उसने गाजियाबाद निवासी प्रवीन को भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया। डीसीपी ने बताया कि दोनों मंत्रालय के बाहर ऐसे लोगों की तलाश करते थे, जिन्हें फर्जी डिग्री की दरकार होती थी। इसके बाद उन्हें 10 से 15 हजार रुपए में फर्जी डिग्री मुहैया कराकर वे मोटा मुनाफा कमाते थे। 

इन लोगों को इस बात की भी जानकारी थी कि सरकारी संस्थान नए कर्मचारियों की भर्ती के समय उनके दस्तावेज संबंधित युनिवर्सिटी से वेरिफिकेशन कराते हैं, लेकिन निजी संस्थान इससे परहेज करते हैं। इसके चलते उनकी फर्जी डिग्री के माध्यम से लोग निजी कंपनियों में आसानी से नौकरी पा लेते थे(दैनिक भास्कर,दिल्ली,25.6.11)।

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