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16 जून 2011

डीयू का श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स 100 प्रतिशत पर अड़ा

डीयू के टॉप कॉलेजों में शुमार श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में बीकॉम ऑनर्स के लिए एक विशेष श्रेणी के लिए जारी 100 प्रतिशत की कटऑफ के चलते जमकर बवाल मचा। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.पीसी जैन ने इसे तर्कसंगत करार देते हुए उचित ठहराया।

कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने कहा कि कटऑफ निर्धारण का निर्णय कॉलेज का होता है और इसके लिए बाकायदा एक व्यवस्था काम करती है। प्रो. सिंह ने कहा कि 100 प्रतिशत की कटऑफ एक कॉलेज में एक छोटे से समूह के छात्रों के लिए है और इसे लेकर बहुत ज्यादा हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं है।

पहली कटऑफ लिस्ट में कुछ एक स्तर पर कॉलेजों ने चौंकाया है, लेकिन दूसरी कटऑफ में स्थिति सामान्य हो जाने की उम्मीद है। वैसे भी हमने बुधवार सुबह केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को 100 फीसदी कटऑफ की बाबत पूरी जानकारी दे दी थी।

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.पीसी जैन ने बताया कि बीकॉम ऑनर्स हो या फिर इकोनॉमिक्स ऑनर्स कटऑफ निर्धारण का फॉमूर्ला कॉलेज कई दशक पहले तय कर चुका है। हर साल उसी के आधार पर कटऑफ निर्धारित की जाती है और साल दर साल टॉपर्स की बढ़ती संख्या और 12वीं के नतीजों में आ रहे सुधार के चलते इसमें इजाफा होता जा रहा है।


उन्होंने बताया कि जिस श्रेणी के लिए इस बार 100 प्रतिशत कटऑफ निर्धारित की गई है, उसके लिए बीते साल कटऑफ 98.75 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत निर्धारित साइंस स्ट्रीम के उन छात्रों के लिए बेस्ट फोर में 100 प्रतिशत जरूरी है, जिन्होंने गणित, एकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स कोई विषय नहीं पढ़ा है। 

डॉ. जैन ने बताया कि कटऑफ तर्कसंगत है और छात्रों के मोर्च पर इसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। कॉलेज में दाखिले के इच्छुक छात्रों की मदद के लिए एनएसएस की हेल्प डेस्क पर बैठी कॉलेज छात्रा स्वाति से जब पूछा गया कि 100 प्रतिशत को लेकर दाखिले के लिए पहुंच रहे छात्रों का क्या रुख है तो उनका कहना था कि छात्र इस बात को जानते है और उन्हें किसी तरह की कोई हैरानी नहीं है। बल्कि वह अन्य जानकारियों को लेकर ज्यादा उत्सुक दिखे। 

शिक्षक संगठन डीटीएफ की अध्यक्ष डॉ. शाश्वती मजूमदार ने कटऑफ में भारी उतार-चढ़ाव को नई व्यवस्था का दुष्परिणाम करार दिया। उन्होंने कहा कि बिना आवेदन फॉर्म के जब आवेदन प्रक्रिया अंजाम दी जाएगी तो ऐसी परेशानी खड़ा होना तो तय है। 

कॉलेजों ने जो इजाफा किया है, उसके पीछे की वजह है सीटों से अधिक दाखिलों की परेशानी से बचना। डॉ. मजूमदार ने बताया कि किरोड़ीमल कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स में कटऑफ 97 प्रतिशत है, जबकि एसआरसीसी 96 प्रतिशत पर दाखिला कर रहा है। 

डीटीएफ के सचिव डॉ. राजीव कुमार का कहना है कि दाखिले के मोर्चे पर किए गए बदलावों के दौरान भी संगठन ने प्रशासन को इस तरह की परेशानियों को लेकर आगाह किया था। जिस तरह से नए बदलावों को लागू किया जा रहा है, उससे छात्र और अभिभावक दोनों ही हैरान-परेशान नजर आ रहे हैं। 

छात्रों की उमड़ी भीड़ : 

डीयू में दाखिले की पहली कटऑफ लिस्ट का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए बुधवार की सुबह कहीं खुशी तो कहीं गम की वजह बनी। डीयू में उपलब्ध 54 हजार सीटों में सामान्य व ओबीसी उम्मीदवारों के लिए पहली कटऑफ लिस्ट जारी होते ही नॉर्थ और सॉउथ कैम्पस कॉलेजों अचानक ही छात्र-छात्राओं की भीड़ उमड़ पड़ी। 

इसकी वजह कहीं कॉलेज प्रशासन की गलती बनी तो कहीं दाखिले की चाह और कटऑफ प्रतिशत की जिज्ञासा छात्रों व उनके अभिभावकों को कैम्पस तक खींच लाई। हालांकि, कटऑफ में जगह बनाने के बावजूद कॉलेजों की ओर से निर्धारित अलग-अलग मानकों ने भी छात्रों को खूब हैरान किया। 

किसी को बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए अंग्रेजी व गणित में 60 प्रतिशत अंक चाहिए तो किसी को एकॉउटेंसी में 95 प्रतिशत अंक। 

विकल्पों की कमी नहीं 

डीयू कुलपति प्रो. दिनेश सिंह कहते है कि 100 प्रतिशत को लेकर परेशान छात्र अच्छी तरह से जान लें कि डीयू में बीकॉम ऑनर्स किसी एक कॉलेज में ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे ढेरों विकल्प छात्रों के पास उपलब्ध है, जहां 90 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों को बीकॉम में दाखिला मिल सकता है। 

इसलिए वह 100 प्रतिशत की टेंशन को छोड़ उन कॉलेजों का रुख करें। कटऑफ निर्धारण में 12वीं में टॉपर्स की इस साल बढ़ी संख्या के चलते कॉलेजों ने जरा कड़ाई बरती है, लेकिन हमारी कोशिश होगी आगे से कॉलेज इस तरह की चौंकाने वाले हालात पैदा न करें(दैनिक भास्कर,दिल्ली,16.6.11)।

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