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17 जून 2011

हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विवि में 10 सीटें बढ़ीं

हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में एडमिशन को लेकर छात्रों में बढ़ती रुचि को देखते हुए क्लैट (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) ने यहां 10 और सीटों को मंजूरी दे दी है। अब 155 के बजाय 165 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी होगी। इससे प्रदेश के छात्रों को लाभ मिलेगा।

प्रत्येक साल छात्रों की प्रतीक्षा सूची को देखते हुए क्लैट ने विवि की मांग पर दस सीटों की सौगात दी है। साथ ही तेजी से हो रहे कैंपस विकास और छात्रों के सौ प्रतिशत प्लेसमेंट के कारण सीटें बढ़ाई गई हैं। क्लैट के अंतर्गत आने वाले देश के 11 विधि विश्वविद्यालयों में यह सौगात हिदायतुल्ला विवि को मिलना महत्वपूर्ण है।

68 छात्रों की सूची जारी

विधि विवि में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए गुरुवार को विवि की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है। गौरतलब है कि क्लैट ने विवि को मंगलवार को ही छात्रों की सूची भेज दी थी। जारी लिस्ट में 68 छात्रों को काउंसिलिंग के लिए कॉल किया है।

68 में से छत्तीसगढ़ के सामान्य छात्रों के लिए 34 और एससी, एसटी एवं ओबीसी के लिए 34 सीटें आरक्षित हैं। काउंसिलिंग के लिए 21 जून की तिथि का निर्धारण किया गया है।

विवि में अब कुल मिलाकर 165 सीटें हैं। इसमें से प्रदेश के छात्रों के लिए पचास प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। विवि ने अपनी वेबसाइट पर भी छात्रों के नाम सहित सूची जारी कर दी है। 27 जून तक नामांकन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। काउंसिलिंग की अंतिम तिथि भी इसी दिन है।

एनआरआई सीटों पर रुझान

विवि में एनआरआई (नॉन रेसीडेंशियल इंडियन) छात्रों के लिए 11 सीटें हैं। आवेदन पत्र भरते समय ही एनआरआई के लिए भी आवेदन करना होता है। क्लैट की ओर से ही सभी एनआरआई छात्रों की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।


विवि प्रशासन से मिली जानकारी में बताया गया कि प्रत्येक साल एनआरआई सीटों पर छात्रों का रुझान बढ़ता जा रहा है। इसलिए अब इन सीटों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
फॉरेन स्टूडेंट्स की सीटें सालों से खाली

विधि विवि में चार सीटें फॉरेन स्टूडेंट्स के लिए भी आरक्षित हैं, लेकिन सालों से यह सीटें खाली हैं। इस सत्र में भी इन सीटों पर नामांकन होने की उम्मीद कम है। प्रत्येक साल सीटें खाली रहने से विवि प्रशासन भी परेशान है। 

विवि इसके लिए कुलपति के अधिकार क्षेत्र की व्याख्या में प्रतीक्षा सूची में रहने वाले छात्रों को नामांकन देने की सोच रहा है। हालांकि इस सीट पर नामांकन लेने वाले छात्रों को तिगुना शुल्क देना होता है, अर्थात दो लाख के स्थान पर छह लाख रुपये शुल्क का प्रावधान है। 

"छात्रों की रुचि को देखते हुए क्लैट ने 10 सीटों की संख्या बढ़ा दी है। इससे विवि को कई तरह से फायदे होंगे। फॉरेन सीट को लेकर कुछ उपाय खोजने के प्रयास किए जा रहे हैं।"

प्रो. सुखपाल सिंह, कुलपति, विधि विवि(दैनिक भास्कर,रायपुर,17.6.11)

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