मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

29 जून 2011

लुधियाना में 18 डाक्टरों का अता-पता नहीं

लुधियाना में 18 सरकारी डाक्टर लापता हैं। ये डाक्टर न तो नौकरी से त्यागपत्र दे रहे हैं और न ही ड्यूटी पर हाजिर हो रहे हैं। इसका सीधा असर अस्पतालों में मरीजों पर पड़ रहा है, क्योंकि अस्पतालों में स्टाफ वैसे ही कम है उस पर ये 18 डाक्टर पोस्टरों पर कब्जा करके बैठे हुए हैं।

इनमें से कुछ डॉक्टरों ने तो साल 1992 से विभाग को दर्शन नहीं दिए हैं। हैरत की बात है कि इन पर कार्रवाई करने की बजाय विभाग को अब भी आस है कि वे ड्यूटी ज्वाइन कर जाएंगे। इस इंतजार में विभाग इन डॉक्टरों पर एक्शन लेकर उनकी जगह पर नए डॉक्टरों की भर्ती नहीं कर रहा।


उधर, पीसीएमएस (पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज) एसोसिएशन डॉक्टरों के इस तरह गैरहाजिर होने के लिए सरकार को जिम्मेदार बता रही है। सुबाई प्रधान डा.हरदीप सिंह का कहना है कि अपनी जरूरत के हिसाब से 20 साल बाद पेंशन लेकर नौकरी छोड़ देने का सभी कर्मियों को कानूनी हक है। 
पूर्व सेहतमंत्री प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला के कार्यकाल में डाक्टरों के त्यागपत्र यह बात कहकर नामंजूर कर दिए गए कि डाक्टरों की कमी है। ऐसे में त्यागपत्र के कानूनी तरीके पर अघोषित पाबंदी लगने पर डाक्टरों को गैरकानूनी तरीका अपनाना पड़ा।

गैरहाजिर होकर कर रहे प्राइवेट प्रेक्टिस

सूबे में 4500 पीसीएमएस डाक्टरों का कैडर है। इनमें से 112 डाक्टरों के इस तरह गैरहाजिर रहने से अस्पतालों में एडजस्टमेंट से काम चलाना पड़ता है। यही वजह है कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ओपीडी खाली देखकर वापस लौट जाना पड़ता है। 

कुछ डॉक्टर तो ऐसे हैं, जिनके बारे में विभाग को भी पता है कि वे गैरहाजिर होकर प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं। हाल ही में सेहतमंत्री ने ऐसे डाक्टरों पर सख्ती के निर्देश दिए हैं, लेकिन उसके बावजूद सिर्फ तीन डाक्टरों को ही बर्खास्त किया गया।

इनमें से ज्यादातर डॉक्टर अपनी तरफ से नौकरी छोड़ चुके हैं। इसलिए विभाग गैरहाजिर डाक्टरों का मामला जल्द निपटाए और जो डॉक्टर नौकरी नहीं करना चाहते, उन्हें हटाकर नए डाक्टरों को भर्ती करें, ताकि अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके।
डा.हरदीप सिंह, प्रधान, पीसीएमएस 

जो डाक्टर लंबे समय से गैरहाजिर होते हैं, उन्हें क्रॉनिक ऐबसेंट की कैटेगरी में रखकर स्टेट हेडक्वार्टर को सूचना भेज दी जाती है। लुधियाना में गैरहाजिर चल रहे डाक्टरों की फाइलें जांच कर उन पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
डा.एच एस बाली, सिविल सर्जन लुधियाना(विपन जंड,दैनिक भास्कर,लुधियाना,29.6.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।