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24 जून 2011

आईपी में 1 जुलाई से काउंसलिंग

गुरु गोविंद सिंह इंदप्रस्थ (आईपी) यूनिवसिर्टी में 1 जुलाई से पांच कोसेर्ज की काउंसलिंग शुरू हो रही है। यूनिवसिर्टी जिन कोसेर्ज में एडमिशन प्रोसेस शुरू कर रही है, उसमें बीबीए, बीसीए, बीजेएमसी, एलएलबी और बीएड कोर्स शामिल हैं। इन कोसेर्ज का डिटेल एडमिशन शेडयूल जल्द ही यूनिवसिर्टी की वेबसाइट द्बश्चह्व.ड्डष्.द्बठ्ठ पर जारी किया जाएगा। शेडयूल से स्टूडेंट्स को यह पता लग सकेगा कि किस रैंक वाले स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए कब बुलाया जा रहा है।

यूनिवसिर्टी के जॉइंट रजिस्ट्रार (ऐकडेमिक) कर्नल प्रदीप उपमन्यु ने बताया कि काउंसलिंग यूनिवसिर्टी के द्वारका कैंपस में होगी। रिजवेर्शन पॉलिसी वही रहेगी, जो पिछले साल लागू की गई थी। ओबीसी के लिए इस बार 15 पर्सेंट सीटें रिजर्व होंगी। ओबीसी रिजर्वेशन यूनिवसिर्टी के सरकारी इंस्टिट्यूट और स्कूलों में लागू होता है।

आईपी यूनिवसिर्टी से जुड़े सेल्फ फाइनैंसिंग इंस्टिट्यूशन की संख्या 103 हैं और इनमें ओबीसी रिजवेर्शन लागू नहीं होता। अभी कोसेर्ज की सीटों के बारे में अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक बीबीए में 5000 सीटें हैं। बीसीए में 1825, बीजेएमसी में 940, एलएलबी में 640 और बीएड में 1800 सीटें हैं।

इन सीटों में इजाफा भी हो सकता है। बीटेक, एमबीए की काउंसलिंग के बारे में यूनिवसिर्टी का कहना है कि एआईसीटीई से सीटों की संख्या की जानकारी मिलने के बाद ही बीटेक की काउंसलिंग का प्रोसेस शुरू किया जाएगा।

पिछले साल बीटेक की काउंसलिंग के दौरान काफी स्टूडेंट्स पकड़े गए थे, जो फजीर् तरीके से एडमिशन लेना चाह रहे थे। इस बार यूनिवसिर्टी ने इस फजीर्वाड़े से निपटने के लिए खास तैयारी की है। सबसे पहले एडमिशन फॉर्म में थंब इंप्रेशन का कॉलम जोड़ा गया है।


एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स जब काउंसलिंग के लिए आएंगे तो वहां भी उनसे अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इससे यह साबित हो सकेगा कि एक ही स्टूडेंट ने फॉर्म भरने से लेकर काउंसलिंग प्रोसेस अटेंड किया है। खास बात यह है कि यूनिवसिर्टी ने हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की सेवाएं लेने का भी फैसला किया है। 

यूनिवसिर्टी का कहना है कि पिछले कुछ सालों से आईपी यूनिवसिर्टी स्टूडेंट्स के बीच काफी पॉपुलर हुई है और अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स का नंबर हर साल बढ़ रहा है। यूनिवसिर्टी की बढ़ती डिमांड को देखते हुए दलाल भी सक्रिय हो गए हैं और स्टूडेंट्स को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन स्टूडेंट्स को सचेत रहना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि एडमिशन के लिए किसी झांसे में न फंसे(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,24.6.11)। 

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