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24 जून 2011

छत्तीसगढ़ःफर्जीवाड़ा मिला तो एमबीबीएस की 35 सीटें हो सकती हैं लैप्स

पीएमटी में फर्जीवाड़े सामने आने के बाद एमबीबीएस की 35 व डेंटल की तीन सीटें लैप्स होने की आशंका है। अगर ये सीटें लैप्स हुई तो इतने ही कम डॉक्टर बनेंगे। स्टूडेंट्स के पढा़ई पर खर्च हुए सरकार के करोड़ों रुपए भी बट्टेखाते में चले जाएंगे।

सीआईडी की कार्रवाई में स्थानीय मेडिकल कॉलेज के 32 एमबीबीएस स्टूडेंट्स के अंगूठे के निशान अलग-अलग मिले थे। वहीं रायपुर, बिलासपुर व जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के तीन स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हो गई है। इससे 2010 बैच के 35 सीटें लैप्स होने की आशंका है।

स्टूडेंट्स के खिलाफ एफआईआर होने पर संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग स्टूडेंट्स को निलंबित करने की कार्रवाई कर सकते हैं। इससे उनकी सीटें लैप्स हो जाएंगी। मामले से एमसीआई (मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया) का कोई लेना-देना नहीं है।

चिकित्सा जगत के लिए बड़ा धब्बा


प्रदेश सरकार एक स्टूडेंट्स को डॉक्टर बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च करती है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सरकार के करोड़ों रुपए डूबने की आशंका है। रुपए तो डूबेंगे ही इतने ही डॉक्टर कम बनेंगे। अगर एमबीबीएस की 35 सीटें लैप्स होती है, तो यह बड़ा झटका होगा।
प्रदेश में केवल तीन मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें एमबीबीएस की केवल 300 सीटें हैं। इनमें 15 फीसदी यानी 45 सीटें ऑल इंडिया कोटे से भरी जाती हैं। बाकी 255 सीटें राज्य कोटे से भरती है। हर साल 20 से 23 हजार स्टूडेंट्स पीएमटी की परीक्षा देते हैं। 

इनमें से केवल 255 लोगों का चयन एमबीबीएस के लिए हो पाता है। निजी व सरकारी डेंटल कॉलेज में लगभग 300 सीटें हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार कई विद्यार्थी हैं, जो सात-आठ अटेंप्ट के बाद बमुश्किल एमबीबीएस में प्रवेश पाते हैं। 

वहीं कुछ विद्यार्थी शार्टकट अपनाकर डॉक्टर बनना चाहते हैं, जो जांच में फंस जाते हैं।

अगर सीटें लैप्स हो जाती हैं तो इसका लाभ अन्य छात्रों को नहीं मिलेगा। 30 सितंबर तक खाली रहने वाली सीट ही रिक्त मानी जाती है। इसके बाद खाली रहने वाली सीट लैप्स हो जाती है। निकाले गए स्टूडेंट्स कोर्ट जा सकते हैं। अगर वहां से उनको न्याय मिलता है तो उनकी सीटें वापस मिल सकती है। इसमें लंबी प्रक्रिया लगने की संभावना रहती है। छात्रों को मेडिकल कॉलेज से निकालने का काम शासन स्तर पर होगा।
डॉ. सीके शुक्ला, पूर्व डीन मेडिकल कॉलेज रायपुर(पीलूराम साहू,दैनिक भास्कर,रायपुर,24.6.11)

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