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26 जून 2011

ग्वालियरःगजराराजा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के 36 फर्जी छात्र निलंबित

गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने सरकार के आदेश पर 36 फर्जी छात्रों को निलंबित कर दिया है। इन सभी के प्रवेश परीक्षा फार्मो में लगी फोटो तथा दस्तावेजों में समानता नहीं पाई गई थी। सीआईडी जांच में इन सभी की पहचान की गई थी। निलंबित छात्रों में 13 ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं।

कॉलेज प्रशासन ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को पत्र लिख दिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक शिकायत की जांच कराने पर पाया था कि गजराराजा मेडिकल कॉलेज के 2009 बैच के 36 छात्र ऐसे हैं जिनकी फोटो एवं दस्तावेजों में समानता नहीं है। शेष पेज 14 पर

इसके बाद तीन जून को डीन डॉ. शैला सप्रे ने कार्रवाई के लिए निश्चेतना विभाग की अध्यक्ष डॉ.अमृता मेहरोत्रा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। इस बीच पिछले सप्ताह शासन ने सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन को इन फर्जी छात्रों को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए।

आदेश का पालन करते हुए जीआरएमसी प्रशासन ने शनिवार को सभी 36 छात्रों को निलंबित कर दिया। निलंबन की कार्रवाई की प्रति सभी विभागाध्यक्षों को भेज दी गई है। इन छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा गया है, पत्र के साथ शासन से आए आदेश की प्रति संलग्न की गई है।


सीआईडी ने की थी जांच 

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे 16 फर्जी एमबीबीएस छात्रों की पहचान अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने की थी, इनकी जगह भाड़े के परीक्षार्थियों ने प्री मेडिकल टेस्ट दिया था। यह मामला 11 मई 2004 को मुरार थाना पुलिस ने पकड़ा था। 

सीआईडी को जांच में पता चला था कि इस गिरोह का सरगना बिहार में रहने वाला रिंकू है। रिंकू की तलाश में टीम बिहार गई थी, लेकिन रिंकू पकड़ में नहीं आया। इसी तरह दो साल पहले भी पीएमटी के दौरान दो फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। इनसे भी पूछताछ के बाद यह पता चला था कि फर्जी परीक्षार्थियों का मास्टर माइंड उप्र और बिहार में है। इसके बाद पुलिस पार्टी वहां गई थी,लेकिन सरगना नहीं मिला। 

आगे क्या: मामले की जांच पुलिस को सौंप दी गई है। पुलिस इन छात्रों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करेगी। इन्हें गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा।

फोटो व दस्तावेज में भिन्नता के मामले में फंसे सभी 36 एमबीबीएस छात्रों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। इन छात्रों को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है।

डॉ.कमल भदौरिया प्रवक्ता,जीआरएमसी

:- जीआरएमसी से फर्जी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने संबंधी कोई पत्र अभी नहीं मिला है। पत्र मिलते ही इन छात्रों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

मनोहर वर्मा,प्रभारी पुलिस अधीक्षक

अन्य छात्रों की भी हो सकती है जांच:-

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन से कहा है कि वे 2010 और 2011 बैच के भी छात्रों के दस्तावेजों की जांच अपने स्तर पर करें।

कहां कितने फर्जी मिले

जीआरएमसी ग्वालियर 36
जीएमसी भोपाल 34
बीएमसी सागर 21
एसएमसी जबलपुर 24
एमजीएम कॉलेज इंदौर 8

ये हैं निलंबित छात्र

अरुण सिंह यादव,अजितेष यादव,मोनिम यादव,सचिन यादव,संजय मौर्य,देवेंद्र प्रताप सिंह,पंकज तोमर,तपरू शर्मा,मो.अजहर बेग,मयंक शर्मा,अरुण कुमार गौतम,ज्ञान सिंह रावत, राकेश निमामा, संजय बाथम, धीरज पटेल, बृजेंद्र सिंह, संतोष शर्मा,पवन नरवरिया, चांद खां, विशाल वर्मा,प्रेम लाल,इंद्र भान सिंह, आशुतोष सिंह, दिलीप चौहान, वैभव सिंह गुरु वाणी, संजय सिंह, कुलदीप तोमर,अविनाश कुमार,विवेक सिंह निरंजन,अनिल मालोनी,संतोष कुमार,चंद्रशेखर माहौर,जितेंद्र शाक्य,नरेंद्र सिंह,निर्मल सोलंकी,विकास सैलनी (एमबीबीएस द्वितीय वर्ष)। 

इन छात्रों में 13 ग्वालियर-भिंड के हैं, जबकि शेष छात्र प्रदेश के अन्य जिलों के रहने वाले हैं(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,26.6.11)।

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