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17 जून 2011

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटीः5 फीसदी कम हो सकता है सीईटी में कटऑफ

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के टॉप छह डिपार्टमेंट के 21 कोर्सेस में प्रवेश के लिए सीईटी गुरुवार को हुई। दो सेशन में तीन ग्रुप के विद्यार्थियों ने टेस्ट दिया। एक्सपर्ट का कहना है टफ पेपर और विद्यार्थियों की कम संख्या के कारण कटऑफ पांच फीसदी तक कम हो सकता है।

पोस्ट ग्रेजुएट के 12 और अंडर ग्रेजुएट के 9 कोर्सेस में एडमिशन के लिए शहर से 9024 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इसके लिए 14 सेंटर बनाए गए थे जिसमें से 10 यूनिवर्सिटी कैम्पस के डिपार्टमेंट ही थे। सुबह 10 बजे से सी ग्रुप ने इंटीग्रेटेड कोर्स इन कम्प्यूटर साइंस,हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और फार्मेसी के लिए टेस्ट दिया। दूसरे सेशन में दोपहर 2 बजे ए और बी ग्रुप का टेस्ट शुरू हुआ।

ए ग्रुप में पोस्ट ग्रेजुएट इन मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्सेस के लिए और बी ग्रुप वालों ने इंटीग्रेटेड कोर्सेस इन मैनेजमेंट के लिए परीक्षा दी।

60 फीसदी ने दोनों सेशन में दिया टेस्ट- 12वीं के बाद पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स लेने के लिए ग्रुप सी और बी दोनों में विद्यार्थी शामिल हुए। अंडरग्रेजुएट कोर्सेस के 60 फीसदी विद्यार्थियों ने सुबह और दोपहर के दोनों सेशन में टेस्ट दिया।


90 मिनट में 75 प्रश्न- प्रत्येक ग्रुप का पेपर 225 अंकों का था जिसके लिए 75 प्रश्न हल करना थे। टेस्ट के लिए 90 मिनट का समय दिया गया था जो विद्यार्थियों को कम लगा। सही जवाब के लिए प्लस तीन और गलत के लिए माइनस वन अंक की मार्किग होगी। विद्यार्थियों की नजर में सबसे कठिन मैथ्स और अंग्रेजी रहे वहीं सबसे सरल लॉजिकल रीजनिंग पोर्शन था।
- ग्रुप ए के पेपर में प्रश्न क्र. 53 की जगह 52 छपा था और ग्राफ के एक प्रश्न में डाटा गलत दिया गया था।

टफ रहे मैथ्स व अंग्रेजी 

एक्सपर्ट पीयूष गौड़ ने बताया इस बार मैथ्स और अंग्रेजी के पैटर्न बदल जाने से कई विद्यार्थी प्रश्न हल नहीं कर पाए। पिछले साल 75 में से 35 प्रश्न सही करने वालों को मनपसंद कोर्स मिल गया था। इस बार विद्यार्थियों की कम संख्या और टफ पेपर से कटऑफ 3क् रह सकता है।

95 फीसदी उपस्थिति

सीईटी प्रभारी डॉ. गणोश कावड़िया ने बताया शहर से 95 फीसदी विद्यार्थी शामिल हुए। शहर के 14 सेंटर पर इंदौर के 9025 ने परीक्षा दी बाकी विद्यार्थी अन्य शहरों के थे।

ऐसे आए पेपर

मैथ्स- पेपर का पैटर्न पूरी तरह बदला हुआ था। 10वीं के सामान्य प्रश्नों की जगह हायर मैथ्स के सवाल पूछे गए थे। हायर मैथ्स के ज्यादातर प्रश्न 11वीं और 12वीं सिलेबस से थे जिनसे चुनौती मिली।

अंग्रेजी- अंग्रेजी का पैटर्न भी बदला हुआ था। रीडिंग कम्प्रेंसिंव के प्रश्न इस बाद पेपर में नहीं पूछे गए। इसकी जगह शब्दकोश के प्रश्न पूछे गए। अंग्रेजी वर्ड की अच्छी समझ थी उन्होंने तो पेपर सॉल्व कर लिया लेकिन कम्प्रेंसिव के बल पर स्कोर बनाने की सोच रहे थे वे सेक्शन के 15 में से 4 से 5 प्रश्न ही हल कर पाए।

डेटा इंटरप्रिटेशन- प्रश्न ईजी लेकिन घुमा-फिराकर पूछे गए थे जिससे विद्यार्थियों मुश्किल आई। डेटा एनालिसिस के लिए जरूरी बार ग्राफ, टेबल चार्ट और पाई चार्ट के प्रश्न ज्यादा पूछे गए।

लॉजिकल रीजनिंग- इसमें पजल दी गई थी। इसमें एक प्रश्न पूछा गया, तीन लड़के हैं। एक की उम्र दूसरे से दो साल ज्यादा है और तीसरे की उससे भी दो साल ज्यादा है तो पहले और तीसरे विद्यार्थी में कितने साल का गेप है। विद्यार्थी इसमें लॉजिक लगाते रहे।

जनरल नॉलेज- कुल 15 प्रश्न पूछे गए। इकोनॉमिक्स, आरबीआई की पॉलिसी और कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ ही बुक ऑथर के नाम भी पूछे गए थे।

एक नजर 
06 डिपार्टमेंट 
21 कोर्सेस 
12 सौ सीटें 
10 हजार उम्मीदवार(दैनिक भास्कर,इन्दौर,17.6.11)

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