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28 जून 2011

डाइटीशियन के तौर पर करिअर

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हम हर चीज के लिए समय निकाल लेते हैं पर अपने बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिलता। यह बिजी लाइफ स्टाइल हमारे खाने पाने की आदत पर भी असर करता है और हमें अनफिट बनाता है। ऐसे में जरूरत पड़ती है डाइटीशियन की। डाइटीशियन का काम होता है खान पान की सही जानकारी देकर ताकी आपका लाइफ स्टाइल हेल्दी बन सके। सही मायने में कहें तो यह हमारे खाने का डॉक्टर होता है। कई बार तो जो दिक्कतें दवाइयों से नहीं जाती डाइटीशियन की सलाह मानने से ही चली जाती हैं।

किनके लिए है बेस्ट

एक डाइटीशियन बनने के लिए जो चीज सबसे जरूरी है वह है खान पान की अच्छी आदतों को लेकर क्रेज और अच्छा खाना पकाने के तरीकों के बारे में जानने की ललक। अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल भी एक डाइटीशियन को अपने क्लाइंट के साथ बेहतर संबंध बनाने में मदद करते हैं। एक डाइटीशियन को समय-समय पर रिपोर्ट बनानी पड़ती हैं इसलिए अच्छी लेखन क्षमता मददगार होती है। कुछ इंस्टीट्यूट 10+2 के बाद शार्ट टर्म कोर्स में एडमीशन दे देते हैं पर बीएससी होम साइंस का कोर्स करके डाइटीशिन बनने के लिए साइंस बैक ग्राउंड में 10 +2 फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ होम साइंस और बायॉलजी होनी चाहिए।


कहां है स्कोप 

इस करियर का स्कोप दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ज्यादा है। लगभग हर अस्पताल, नर्सिंग होम और ब्यूटी क्लीनिक पर डाइटीशियन की जरूरत होती है । इसके अलावा जिम और कॉपोर्रेट हाउस भी डाइटीशियन को हायर करते हैं। शुरूआत में आराम से 10,000 हजार रुपये कमाए जा सकते हैं। प्राइवेट प्रेक्टिस भी कर सकते हैं जो ठीक से चल जाती है तो करियर को नई ऊंचाईयां मिल सकती हैं। 

कहां से करें कोर्स 

वैसे तो भारत के कई विश्वविद्यालयों के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय भी बीएससी और एमएससी होम साइंस की डिग्री देता है जिनका काफी महत्व है। इग्नू भी डाइटीशियन का पीजी कोर्स चलाता है। कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट है जो शार्ट टर्म कोर्स चलाते हैं जैसे- 

वीएलसीसी इंस्टीट्यूट , लाजपत नगर नई दिल्ली 

वाईएमसीए इंस्टीट्यूट फॉर करियर स्टडीज , नई दिल्ली 

दिल्ली इंस्टीट्यूट फॉर ट्रेनिंग एंड एजुकेशन डाइट , रजौरी गार्डन नई दिल्ली 
(अमित मिश्रा,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.6.11)

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