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18 जून 2011

डीयू: मार्क्‍सशीट की डाउनलोड कॉपी से भी मिलेगा दाखिला

कटऑफ में जगह बनाने वाले उन छात्रों को डीयू प्रशासन ने बड़ी राहत दी है, जो मार्क्‍सशीट उपलब्ध न होने के चलते बैरंग लौटाए जा रहे थे।

खासकर हरियाणा व यूपी बोर्ड के इन छात्रों को अब एक अंडरटेकिंग व मार्क्‍सशीट की इंटरनेट कॉपी देने भर से दाखिला मिला जाएगा। लेकिन, दाखिले के ठीक 10 दिनों के भीतर उन्हें अपनी मॉर्क्‍सशीट कॉलेज को मुहैया करानी होगी।

डीन छात्र कल्याण प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि दाखिला प्रक्रिया के पहले दिन उनके पास कई छात्रों की शिकायतें आई, जिससे पता चला कि 12वीं की मार्क्‍सशीट न होने के चलते कॉलेज उन्हें दाखिला देने से इंकार कर रहे हैं।

छात्रों की सहूलियत के लिए अब डीन छात्र कल्याण कार्यालय ने सभी कॉलेजों को पत्र लिखा है कि वह डॉउनलोड की गई मार्क्‍सशीट के आधार पर दाखिला दें, ताकि छात्रों को लौटना न पड़े। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अंकों की पड़ताल के लिए कॉलेज डीयू से उपलब्ध कराई गई विभिन बोर्ड के परिणामों की सीडियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बावजूद इसके यदि दाखिला देने में औपचारिक प्रक्रिया अपनानी है तो कॉलेज छात्रों से इस बात की अंडरटेकिंग ले सकते हैं कि फिलहाल उसके पास मार्क्‍सशीट नहीं है और न ही उसने इसे किसी अन्य जगह जमा कराया है। प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि अब केवल केरल और एनआईओएस के छात्रों के स्तर पर परेशानी रह गई है। 


इसके लिए सम्बंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचित कर दिया गया है। जल्द ही इनके परिणामों की सीडियां भी डीयू पहुंच जाएंगी, जिन्हें कॉलेजों को सौंपा जाएगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,18.6.11)।

राष्ट्रीय सहारा की रिपोर्टः
दिल्ली विविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में ऑरिजनल मार्कशीट न होने पर प्रोविजनल मार्कशीट के आधार पर दाखिले लेने के लिए कॉलेजों में धक्के खा रहे विद्यार्थियों के लिए राहत की खबर है। कॉलेजों को अब प्रोविजनल मार्कशीट के आधार पर दाखिला देना होगा। विविद्यालय ने कॉलेजों में दाखिले को लेकर प्रोविजनल सर्टिफिकेट लेकर भटक रहे सभी विद्यार्थियों के प्रोविजनल सर्टिफिकेट को मानने को कहा है। विविद्यालय ने इस संबंध में सभी कॉलजों को यह आदेश जारी किया है। डीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना ने बताया कि कॉलेजों में हरियाणा, यूपी आदि राज्य शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों को ऑरिजनल मार्कशीट नहीं मिली है। जिसमें ऐसे विद्यार्थियों की कोई गलती नहीं है। यदि बोर्ड की ओर से ही ऑरिजनल मार्कशीट नहीं आई है, तो इसके लिए विद्यार्थी जिम्मेदार नहीं हैं। विविद्यालय द्वारा कॉलेजों को भेजे गए आदेश में कहा गया कि जिन विद्यार्थी को उनके संबंधित शिक्षाबोर्ड से मार्कशीट नहीं मिली है, उन्हें दाखिला लेने में काफी परेशानी हो रही है। कॉलेजों को तीन नियमों को तय करते हुए ऐसे विद्यार्थियों की प्रोविजनल मार्कशीट मानने को कहा है। विविद्यालय ने कॉलेजों को कहा है कि जो भी विद्यार्थी स्कूल से सत्यापित प्रोविजनल सर्टिफिकेट दे रहा है या फिर डाउनलोड मार्कशीट स्वयं सत्यापित कर दे रहा है, उसे स्वीकार कर लिया जाए। कॉलेज चाहे तो सीडी से प्रोविजनल मार्कशीट में दिए गए अंकों को जांच सकता है। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर कार्यालय द्वारा सभी कॉलेजों को सीबीएसई, आईसीएससी, बिहार, हरियाणा, यूपी, असम, मेघालय और नागालैंड शिक्षा बोर्ड की सीडी दे दी गई है। जिनसे अंकों को जांचा जा सकता है। कॉलेजों को यह राहत दी गई है कि प्रोविजनल मार्कशीट देने वाले विद्यार्थियों से कॉलेज एक हलफनामा ले सकते हैं, जिसमें वे 10 दिन में ऑरिजनल मार्कशीट देने और दिया गया प्रोविजनल सर्टिफिकेट किसी अन्य विविद्यालय में जमा न करने का शपथपत्र ले सकते हैं।

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