आदेश तो महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में काम कर रहे करीब साढ़े छह हजार संविदा कर्मियों को छठवें वेतनमान के बराबर वेतन भत्ते देने का जारी हुआ था, लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से प्रदेश भर के जिलों में एक ऐसा आदेश भी पहुंच गया जिसमें महकमे की अन्य ग्रामीण योजनाओं के 30 हजार संविदा कर्मियों को यही लाभ दिए जाने की बात कही गई थी।
विभाग को जब इस फर्जी आदेश का पता चला तो आनन -फानन में इसके अमल पर रोक लगाई गई।
सोमवार को विभाग के अफसर इस फर्जी आदेश को जारी करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए एमपी नगर थाने पहुंचे। यहां पर पुलिसकर्मियों ने फोटोकॉपी को अस्वीकार कर मूल दस्तावेज लाने पर ही प्रकरण दर्ज करने की बात कह कर अफसरों को बैरंग लौटा दिया।
मार्च में जारी किया गया आदेश: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन चल रही मनरेगा में कार्यरत संविदा कर्मियों को छठवें वेतनमान के समान सुविधाएं व भत्ते देने का आदेश मार्च 2011 में जारी किया गया था। अपर मुख्य सचिव के दस्तखत से जारी यह आदेश 1 अप्रैल 2011 से अमल में आ चुका है।
यूं बनाया फर्जी आदेश: आदेश में एक लाइन कूट रचित ढंग से यह जोड़ दी गई कि ग्रामीण क्षेत्र में चल रही योजनाओं में कार्य कर रहे अधिकारी व कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। इस फर्जी आदेश की भनक लगते ही विभाग ने एक अन्य आदेश जारी जिला स्तर पर सूचना भेजी कि मनरेगा में कार्यरत संविदा कर्मियों को छठवें वेतनमान देने का लाभ मिलेगा अन्य किसी को भी नहीं।
दिलचस्प पहलू यह है कि विभाग की ओर से जारी मूल आदेश के बाद फर्जी आदेश जिलों में पहुंचने की जानकारी मनरेगा परिषद को तीन माह बाद लगी है। वरिष्ठ अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाएं
मनरेगा,मध्याह्न् भोजन,इंदिरा आवास, स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मजदूर सुरक्षा योजना, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित पेंशन, विधवा पेंशन आदि।
मनरेगा को छोड़कर बाकी योजनाओं में करीब 30 हजार कर्मी कार्यरत। इनमें साढ़े छह हजार संविदा कर्मी।
जारी हुआ फर्जी आदेश
मनरेगा के साथ-साथ पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मियों को छठवां वेतनमान के समान वेतन देने का फर्जी आदेश जारी हो गया था। इसकी सूचना मिलते ही जिलों में स्पष्ट आदेश से अवगत करा दिया गया है। इस मामले में एमपी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।""
वेदप्रकाश संयुक्त आयुक्त मनरेगा(दैनिक भास्कर,भोपाल,21.6.11)
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