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24 जून 2011

डीयूःनॉन-कॉलेजिएट की कट-ऑफ पर एक नज़र

डीयू के नॉन कॉलेजिएट विमेन एजुकेशन बोर्ड ने गुरुवार को बीए और बीकॉम कोर्स की फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट जारी कर दी है। जिस तरह से यूनिवसिर्टी के कॉलेजों की पहली कट ऑफ हाई रही है, उसी तरह से नॉन कॉलेजिएट की लिस्ट में भी इस बार इजाफा देखने को मिला है। एडमिशन लिस्ट में 1 से 3 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। 


बीकॉम कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स के बेस्ट ऑफ फोर सब्जेक्ट में एक लैंग्वेज, बिजनेस स्टडीज, अकाउंट्स और एक कोई अन्य सब्जेक्ट शामिल किया जाता है। एक वोकेशनल सब्जेक्ट भी शामिल किया जा सकता है। बीए में एक लैंग्वेज व तीन सब्जेक्ट के मार्क्स जोड़े जाते हैं, जिनमें एक वोकेशनल सब्जेक्ट भी होता है। 

हंसराज कॉलेज सेंटर के लिए कट ऑफ सबसे हाई है और यहां की लिस्ट में सबसे अधिक 3 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है वहीं बाकी सेंटरों पर पिछले साल के मुकाबले कट ऑफ 1 पसेर्ंट तक हाई रही है। जनरल कैटिगरी के साथ- साथ एससी-एसटी व ओबीसी कैटिगरी की कट ऑफ भी पिछले साल के मुकाबले अधिक रही है। 

बीकॉम कोर्स की बात करें तो हंसराज कॉलेज सेंटर के लिए जनरल कैटिगरी की कट ऑफ 75 पर्सेंट है, जो पिछले साल के मुकाबले तीन पर्सेंट ज्यादा है। इसके बाद लक्ष्मीबाई कॉलेज, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज और भारती कॉलेज सेंटर की लिस्ट 72 पर्सेंट है। 71 पर्सेंट की कैटिगरी में कालिंदी कॉलेज, एसपीएम कॉलेज, जीसस एंड मेरी कॉलेज, मैत्रेयी कॉलेज, अर्वाचीन भारती भवन, माता सुंदरी कॉलेज सेंटर हैं। महाराजा अग्रसेन कॉलेज और पीजीडीएवी कॉलेज सेंटर की लिस्ट 70 पर्सेंट हैं। 

बीए कोर्स में भी जनरल कैटिगरी के लिए सबसे अधिक कट ऑफ हंसराज कॉलेज सेंटर की है, यहां पर बीए कोर्स में 73 पर्सेंट पर स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल सकेगा जबकि पिछले साल फर्स्ट लिस्ट 70 पर्सेंट थी। लक्ष्मीबाई कॉलेज की कट ऑफ डेढ़ पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ इस बार 70 पर्सेंट तय की गई है। 

कालिंदी कॉलेज, एसपीएम कॉलेज, अर्वाचीन भारती भवन, पीजीडीएवी कॉलेज की कट ऑफ में भी डेढ़ पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। जिन स्टूडेंट्स का नाम कट ऑफ लिस्ट में आया है, उन्हें 27 जून से अपनी फीस जमा करानी होगी। हर सेंटर पर फीस जमा करवाने के लिए अलग- अलग डेट तय की गई है। बोर्ड की डायरेक्टर डॉ. आरती सक्सेना का कहना है कि बीए और बीकॉम की कुल 5,000 सीटें हैं और 21,000 से अधिक ऐप्लीकेशन फॉर्म बिके थे। 

वैसे तो स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग और नॉन कॉलेजिएट दोनों ही नॉन- फॉरमल स्ट्रीम में आते हैं लेकिन इन दोनों के एजुकेशन सिस्टम में काफी अंतर है। जहां नॉन कॉलेजिएट में हाजिरी का नियम लागू है वहीं एसओएल में नहीं है। साथ ही नॉन कॉलेजिएट बोर्ड 50 टीचिंग डेज में स्टूडेंट्स का कोर्स पूरा कराता है। नॉन कॉलेजिएट में 66 पर्सेंट हाजिरी का नियम लागू है लेकिन स्टूडेंट्स को कुछ रियायतें भी मिलती हैं। जैसे मेडिकल ग्राउंड पर भी स्टूडेंट्स को हाजिरी में छूट मिलती है। 

यहां से ग्रैजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स के एग्जाम रेग्युलर स्टूडेंट्स के साथ होते हैं और रिजल्ट भी उनके साथ ही आता है। यहां स्टूडेंट्स की सालाना फीस भी अधिक नहीं है। बीए और बीकॉम में स्टूडेंट्स की सालाना फीस दो हजार रुपये तक ही होती है। जीसस एंड मेरी और एसपीएम कॉलेजों के सेंटर पर शनिवार को क्लासेज होती हैं जबकि बाकी सेंटरों पर रविवार को क्लासेज होती हैं। शनिवार व रविवार के अलावा नॉन कॉलेजिएट स्टूडेंट्स की क्लासेज वेकेशन के दौरान होती हैं। दूसरी कट ऑफ 8 जुलाई और तीसरी कट 22 जुलाई को जारी की जाएगी(भूपेंद्र,नभाटा,दिल्ली,24.6.11)

कट-ऑफ की लिंकः

नोटःआलेख की कतरन नई दुनिया,दिल्ली से साभार।

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