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21 जून 2011

छत्तीसगढ़ःपीएमटी गोलमाल की पूरी जानकारी बिलासपुर डीएसपी को थी

तखतपुर में पीएमटी पर्चा लीक होने के इस फर्जीवाड़े की जानकारी बिलासपुर के एक डीएसपी को थी। डीबी स्टार व क्राइम ब्रांच ने तखतपुर में छापामार कार्रवाई कर 72 परीक्षार्थियों को उनके परिजनों के साथ पकड़ा। इसके बाद परीक्षार्थियों को पुलिस लाइन स्थित बिलासा गुड़ी भवन में ठहराया गया।

जहां सभी के बयान लिए जा रहे थे, इसी दौरान एक डीएसपी वहां पहुंचे और दो रिश्तेदार परीक्षार्थियों (युवतियों) को साथ ले गए। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि डीएसपी को तखतपुर में डॉ. संतोष उर्फ संजय द्वारा चलाए जा रहे इस रैकेट की जानकारी थी।

18 जून की रात तखतपुर में जिन परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था, उनमें से अधिकतर रसूखदार परिवारों के थे। किसी के परिजन डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन व अन्य वर्ग से थे। पीएमटी पर्चे के लिए 10 लाख रुपए देना किसी मध्यमवर्गीय परिवार के वश की बात नहीं है।

डीबी स्टार टीम की पड़ताल में सामने आया कि जिन दो युवतियों को डीएसपी अपने साथ ले गए वे उनकी भांजियां हैं। उन्होंने पुलिस वालों से बात कर रिश्तेदार बताकर घर ले गए। बताया जा रहा है कि दोनों युवतियों के बयान नहीं लेने के साथ उनके नाम भी पकड़े गए परीक्षार्थियों की सूची में नहीं हैं।


वहीं अन्य पुलिसकर्मियों से पूछताछ में पता चला कि रैकेट द्वारा बिलासपुर डीएसपी की रिश्तेदार दोनों युवतियों को दोपहर में तखतपुर ले जाया गया था। रात 11.क्क् बजे छापा मारने में परीक्षार्थियों व उनके परिजनों को पकड़ने के बाद देर रात लगभग 2.क्क् बजे बिलासा गुड़ी लाया गया। इसके बाद जब पूछताछ चल रही थी तो डीएसपी मौके पर पहुंचे और अपने रिश्तेदारों को वहां ले गए।

आरोपियों को भगाने में हाथ तो नहीं?

इस खुलासे के बाद इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि बिलासपुर डीएसपी को पीएमटी पर्चा लीक होने की जानकारी थी। इसी के चलते शायद पुलिस के तखतपुर पहुंचने के पहले मुख्य सरगना संतोष उर्फ संजय व उसके साथी भाग गए।

"इस मामले की जानकारी मुझे अभी नहीं है। जहां तक एक डीएसपी द्वारा तखतपुर से पकड़े गए परीक्षार्थियों में से आपने दो रिश्तेदारों को बिना गवाही निकाल कर ले जाने की बात है तो मैं संबंधित अफसर और मौके पर उपस्थित क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से पूछताछ करूंगा।"

अजय यादव, एसपी, बिलासपुर(दैनिक भास्कर,रायपुर,21.6.11)

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