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16 जून 2011

डीयूःकट-ऑफ बढ़ने से स्टूडेंट्स थोड़ा निराश

डीयू की र्फस्ट कट ऑफ ने स्टूडेंट्स की टेंशन को और भी बढ़ा दिया है। इस बार 100 पसेंर्ट तक पहुंचा कट ऑफ का आकड़ा स्टूडेंट्स के लिए मुश्किलें लेकर आया है। ज्यादातर स्टूडेंट्स की उम्मीदें अब सेकंड कट ऑफ पर हैं। सेकंड कट ऑफ में कुछ राहत की उम्मीद स्टूडेंट्स कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को इस बार 100 पसेंर्ट तक आंकड़ा पहुंचने की उम्मीद भी नहीं थी। स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि सिर्फ कैंपस ही नहीं नॉन-कैंपस कॉलेज की कट ऑफ ने भी झटका दिया है।

एडमिशन की फाइट और भी मुश्किल हो गई है। डीयू में एडमिशन की उम्मीद रखने वाली आरती का मानना है कि डीयू में एडमिशन अब इतना आसान नहीं दिखता। 100 पर्सेंट मार्क्स लाना कोई आसान काम नहीं है। अब सभी उम्मीदें सेकंड कट ऑफ पर हैं। ऐसा नहीं है कि स्टूडेंट्स कट ऑफ को लेकर सिर्फ निगेटिव हैं।

डीयू में एडमिशन की इच्छा रखने वाली स्टूडेंट आकांक्षा का मानना है कि कट ऑफ इतनी ज्यादा करने के पीछे कुछ तो अच्छा ही होगा। पर इसके साथ यह भी सोचना जरूरी था कि बाकी स्टूडेंट्स का क्या होगा। अगर इतनी ऊंची कट ऑफ रखनी भी है तो जरूरी है कि जो एवरेज स्टूडेंट्स हैं उनके लिए भी कुछ सोचा जाए। अब सारी उम्मीद बची हुई कट ऑफ पर हैं।

डीयू की इस बढ़ी कट ऑफ को देखने के बाद स्टूडेंट्स करियर को सेटल करने के लिए नए रास्ते खोजने में लग गए हैं। ऐसे ही एक स्टूडेंट दीप्ती का मानना है कि स्टूडेंट्स के पास और भी कई रास्ते हैं जिनके जरिए करियर बनाया जा सकता है। डीयू में बदलाव की तरफ यह काफी अच्छा कदम है। यह कॉलेजों के लिए भी काफी अच्छा है।


सेकंड लिस्ट का वेट करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। इस तरह से तो टॉप लेयर को एडमिशन मिल जाएगा पर एक एवरेज स्टूडेंट का क्या होगा? ग्रैजुएशन किसी भी स्टूडेंट के लिए बेसिक है, अगर वह ही मिलने में उसको इतनी परेशानी होगी तो स्टूडेंट आगे क्या सोच सकते हैं। सिर्फ कैंपस ही नहीं कैंपस के बाहर के कॉलेजों का भी बुरा हाल है। - श्वेता 

इतनी च्यादा कट ऑफ ठीक नहीं है। जिन स्टूडेंट्स के कम मार्क्स हैं वह कहां एडमिशन लेंगे। इतनी ज्यादा कट ऑफ की किसी ने भी उम्मीद नहीं की थी। मैं डीयू में इंग्लिश ऑनर्स में एडमिशन लेना चाहती हूं और मुझे उम्मीद थी कि मेरा र्फस्ट कट ऑफ में हो जाएगा पर ऐसी कट ऑफ ने टेंशन दे दी है। - निधि 

इस बार पांच कट ऑफ आनी हैं, तो हो सकता है कि इसलिए पहली कट ऑफ को इतना हाई रखा गया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाली कट ऑफ स्टूडेंट्स को कुछ राहत जरूर देंगी। मेरा भी र्फस्ट कट ऑफ में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। अब सारी उम्मीद सेकंड कट ऑफ पर हैं। - नकुल 

इस तरह से कट ऑफ आना काफी गलत हुआ है। अब तो सिर्फ वही स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकते हैं जिनके बहुत ज्यादा मार्क्स हैं या फिर जिनके पास प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स की फीस भरने के लिए पैसा है। एक एवरेज स्टूडेंट के लिए क्या बचा है। डीयू के बाद ज्यादातर स्टूडेंट्स के पास प्राइवेट में बी जाने का रास्ता बचता है, जोकि काफी महंगा पड़ता है और सभी स्टूडेंट अफोर्ड नहीं कर सकते-शादी(शिल्पी भारद्वाज,नभाटा,दिल्ली,16.6.11)।

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