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25 जून 2011

छत्तीसगढ़ का पीएमटी पर्चा लीक कांड: बिना टेंडर दिया पेपर का ठेका

पीएमटी पर्चा लीक मामले की सीआईडी जांच में खुलासा हुआ है कि दोबारा ली गई पीएमटी के लिए कोई निविदा जारी नहीं की गई थी। दोबारा पीएमटी की परीक्षा के लिए जिस कंपनी को छपाई और सप्लाई का ऑर्डर दिया, यह आगरा की वही माहिम पैटर्न लि. कंपनी थी जिसने 12 मई को पीईटी परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र तैयार किए थे।

पूर्व नियंत्रक त्रिपाठी का कहना है कि ने पीईटी में अच्छा काम किया था, इसलिए सीधे आगरा की कंपनी को वर्कऑर्डर जारी कर दिया गया। व्यापमं ने विभिन्न परीक्षाओं के लिए पांच फर्मो को चुन रखा था।

11 मई की पीएमटी परीक्षा का जिम्मा नरौदा, अहमदाबाद की कंपनी कॉनफिसेस प्रिंटर्स के पास था। कंट्रोलर बीपी त्रिपाठी ने पूरे मामले में मंडल के अध्यक्ष को भी खींच लिया है। उनका कहना है कि कोई भी काम बिना उच्चधिकारियों की जानकारी के नहीं हो सकता।

अब पुलिस अफसर पूर्व अध्यक्ष विजयेंद्र कुमार से भी पूछताछ की तैयारी में है। विशेष अनुसंधान सेल के इंस्पेक्टर अशोक जोशी का कहना है पूर्व व्यापमं नियंत्रक से कई बिंदुओं पर बयान लिए गए हैं। कुछ सवालों के जबाव उन्होंने नहीं दिए। दस्तावेज भी मांगे हंै जिनके आधार पर आगे जांच की जाएगी।


व्यापमं ने इस तरह बांट रखा था काम 

डाटा प्रोसेसिंग- मेथोडेक्स प्रा.लि. नोएडा, नई दिल्ली/ जनरल मैनेजर- जैकब जोसेफ
11 मई की पीएमटी के लिए- कॉनफिसेक प्रिंटर्स, नरौदा, अहमदाबाद/ सीईओ- विनीत कुमार अग्रवाल। 

19 जून की पीएमटी के लिए- माहिम पैटर्न लि., आगरा/ मैनेजर- म्रदुल मल्होत्रा
प्रवेश पत्र अपलोड करने का जिम्मा- नमन सॉफ्टेक, रायपुर। 

डीबी स्टार के बड़े सवाल

-उन एंजेसियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई जिन्हें व्यापमं ने छपाई से लेकर डाटा इंस्टॉलमेंट तक की जिम्मेदारी सौंप रखी थी? 

-पूर्व नियंत्रक के बयान के बाद कि प्रत्येक काम तत्कालीन अध्यक्ष विजयेंद्र कुमार की सहमति से हुआ, उनसे अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई? 

-11 मई तो पीएमटी परीक्षा का पर्चा लीक होने के बाद भी नियंत्रक ने लापरवाहीपूर्वक निजी ई-मेल आईडी से वर्क ऑर्डर जारी क्यों किए?

-नियमानुसार बोर्ड में प्रस्ताव रखे बिना माहिम को प्रश्न-पत्र छापने, परिवहन और बाकी जिम्मेदारी कैसे दी। व्यापमं के जिम्मेदारों ने रायपुर में बैठे-बैठे किस आधार पर कंपनी का आकलन कर लिया?

जांच चल रही है, कुछ नहीं बोलूंगा

"मैं इस बारे में कुछ नहीं बोल सकता, जो कुछ हुआ है, प्रक्रिया के तहत। जहां तक सवाल अनुमति का है तो नियंत्रक ने मुझसे अनुमोदन लिया था, उसके बाद ही संबंधित कंपनियों को काम दिया। अब तो मैं पद पर नहीं हूं मामले की जांच चल रही है।"

विजयेंद्र कुमार, पूर्व अध्यक्ष, व्यापमं

क्या बिना आला अफसरों की सहमति के कुछ कर सकता हूं

बी.पी. त्रिपाठी, पूर्व नियंत्रक, व्यापमं

-19 तारीख की पीएमटी के लिए वर्कऑर्डर किस आधार पर जारी किया गया?

जिस कंपनी को वर्कऑर्डर जारी किया गया, उसने 12 मई पीईटी की सफल परीक्षा करवाई थी, इसीलिए। 

-ऑर्डर देने से पहले इसकी विधिवत नोटशीट नहीं चलाई गई?

सब कुछ हुआ था, आप नए कंट्रोलर से मिल तो लो..

- कंपनी को आर्डर पत्र से दिया या ईमेल सेपत्राचार से ऑर्डर जारी किया गया या फिर ई-मेल के जरिए?

जैसी आवश्यकता पड़ती है वैसा करते हैं.. इमरजेंसी में तो ई-मेल का ही इस्तेमाल होता है।

-पुलिस ने आपका लैपटॉप जब्त किया है?

वह शासकीय लैपटॉप है, पुलिस उसका क्या करेगी..

-आपने जो भी काम किया उसकी जानकारी अध्यक्ष को थी?

क्या कोई काम उच्च अधिकारियों की सहमति के बिना किया जा सकता है।

अभी जांच जारी है

विशेष अनुसंधान सेल के इंस्पेक्टर अशोक जोशी का कहना है पूर्व व्यापमं नियंत्रक से कई बिंदुओं पर बयान लिए गए हैं। कुछ सवालों के जबाव उन्होंने नहीं दिए। दस्तावेज भी मांगे हंै जिनके आधार पर आगे जांच की जाएगी। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि पीएमटी की जो दोबारा परीक्षा ली गई उसके लिए कोई निविदा जारी नहीं की गई थी। 

अशोक जोशी, इंस्पेक्टर, विशेष अनुसंधान सेल(प्रशांत गुप्ता,दैनिक भास्कर,रायपुर,25.6.11)

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