मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

17 जून 2011

जम्मू यूनिवर्सिटी में अब महंगी हुई पढ़ाई

रोजमर्रा की वस्तुओं में आग लगाने के बाद शिक्षा भी मंहगी हो गई है। जम्मू यूनिवर्सिटी ने फीस मे भारी बढ़ौतरी की घोषणा कर दी है। नई दरों को इसी अकादमिक सत्र से लागू किया जाएगा।

रजिस्ट्रार डा. पीएस पठानिया द्वारा जारी किए गए अध्यादेश अनुसार बीए, बीकॉम व बीएससी कोर्स के लिए परीक्षा शुल्क 250 से बढ़ाकर 370 रुपए कर दिया गया है जबकि प्राइवेट उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने के लिए अब 480 रुपए चुकाने होंगे। पहले प्राइवेट छात्रों से 330 रुपए लिए जाते थे। बीबीए और बीसीए कोर्स को अलग श्रेणी में रखा गया है। इनके लिए परीक्षा शुल्क 250 रुपए से बढ़ाकर 450 कर दिया गया है।

बीएड परीक्षा शुल्क 300 से बढ़ाकर 540 रुपए कर दिया गया है। एमबीबीएस, बीडीएस, इंजीनियरिंग आदि के लिए परीक्षा शुल्क को 500 से बढ़ाकर 690 रुपए किया गया है। एमए स्तर के कोर्स के लिए भी परीक्षा शुल्क ३10 से बढ़ाकर 400 रुपए किया गया है।

एमए में दाखिले के समय दिए जाने वाले अन्य शुल्कों में भी अच्छी खासी बढ़ौतरी की गई है। दाखिला शुल्क 220, यूनिवर्सिटी स्पोटर्स फीस 190, यूनिवर्सिटी डेवलेपमेंट फंड 330, साइंस फीस 440, गेम्स फीस 220, सोशल एक्टीविटीज फंड 70 व लाइब्रेरी डेवलेपमेंट फंड को 220 रुपए कर दिया गया है।


इसके अलावा पीएचडी के लिए आवेदन शुल्क 120 रुपए से बढ़ाकर 270 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन शुल्क में दोगुनी बढ़ौतरी की गई है। अब रजिस्ट्रेशन शुल्क 1100 रुपए लगेगा। यूनिवर्सिटी डेवलेपमेंट फंड 180 से बढ़ाकर 270 रुपए, लाइब्रेरी डिपॉजिट को 600 से 1000, परीक्षा शुल्क व सुपरवाइजरी शुल्क को 700 से 1100 रुपए तक बढ़ाया गया है। एमफिल स्कॉलरों को भी लगभग इसी दर पर सेंक लगाया गया है। 

रीवेल्युएशन भी होगी महंगी

अब छात्रों को उत्तर पुस्तिकाओं की रीवेल्युएशन करवाना भी सस्ता नहीं होगा। रीवेल्युएशन शुल्क को 310 रुपए से बढ़ाकर 400 कर दिया गया है। उत्तर पुस्तिकाओं के आंकलन से असंतुष्ट स्टूडेंट्स को सोच-समझकर रिवेल्युएशन के लिए आवेदन करना पड़ेगा। 

कालेजों की भी होगी जेब ढीली

यूनिवर्सिटी की मान्यता प्राप्त करने के लिए कालेजों को भी जेब ढीली होगी। मान्यता प्राप्त करने के लिए कालेजों को अब 10 हजार की जगह 22 हजार रुपए देने होंगे। जबकि नॉन प्रोफेशनल कालेजों के लिए 6 हजार की जगह 11 हजार रुपए चुकाने होंगे। निरीक्षण शुल्क में भी 75 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। 

स्टूडेंट्स व स्कॉलर विरोध पर उतरे

स्टूडेंट्स एवं स्कॉलरों ने इस वृद्धि पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जम्मू यूनिवर्सिटी रिसर्च स्कॉलर एक्जीक्यूटिव एसोसिएशन (जुरसिया) प्रधान राकेश चिब ने इसे तानाशाही करार दिया है। उनके अनुसार यूनिवर्सिटी अधिकारियों को कोई हक नहीं बनता कि वे अपने ऐशो आराम के लिए मनमाने ढंग से शुल्कों में वृद्धि करे। वाइस चांसलर ने पिछले वर्ष उन्हें आश्वासन दिया था कि वृद्धि करने से पहले स्टूडेंट एवं स्कॉलरों को भरोसे में जरूर लिया जाएगा। परंतु ऐसा नहीं किया गया। जुरसिया इसका जोरदार तरीके से विरोध करेगी।

रिसर्च स्कॉलर फोरम के प्रधान सुरेश मगोत्रा ने कहा कि शुल्क में वृद्धि करके यूनिवर्सिटी ने साबित कर दिया है कि यहां शिक्षा के नाम पर केवल व्यापार हो रहा है। ऐसा किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। सब मिलकर इसका विरोध करेंगे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और नेशनल सेक्युलर फोरम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बढ़ौतरी को वापस लेने की मांग की है(देवेंद्र पाधा,दैनिक भास्कर,जम्मू,17.6.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।