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18 जून 2011

बिहारः विघटित बोर्ड और आयोग के कर्मचारियों का होगा समायोजन

विघटित बोर्ड और आयोग के कर्मचारियों को मानव संसाधन विकास विभाग समंजन करेगा। इस पर सहमति के लिए प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेजा गया है। मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने आज यहां जनता दरबार के बाद पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। मालूम हो कि फिलहाल विघटित बोर्ड और आयोग के करीब 79 कर्मचारी मानव संसाधन विभाग में सेवारत हैं। इसमें बिहार कॉलेज सेवा आयोग के 29,बिहार विविद्यालय सेवा आयोग के 22 तथा बिहार अन्तर विविद्यालय बोर्ड के 28 कर्मचारी हैं। हाल में ही सरकार ने विघटित बिहार कॉलेज सेवा आयोग, विघटित बिहार राज्य विविद्यालय (अंगीभूत महाविद्यालय) सेवा आयोग एवं बिहार अंतर विविद्यालय बोर्ड को मिलाकर बिहार राज्य विविद्यालय आयोग के गठन करने की घोषणा की है। इस प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद और विधान मंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी है। इस विधेयक को मानव संसाधन विभाग ने राज्यपाल के पास अंतिम मुहर के लिए भेज दिया है। बिहार कॉलेज सेवा आयोग, बिहार राज्य विविद्यालय (अंगीभूत महाविद्यालय) सेवा आयोग एवं बिहार अंतर विविद्यालय बोर्ड का 2007 से निरसन कर दिया गया। इसके बाद सेवा समायोजन के लिए अधिनियम के प्रवर्तन की तिथि से तीन माह के अन्दर राज्य सरकार के समक्ष अनुमोदन के लिए उपस्थापित करना था, लेकिन चार साल के बाद भी अनुमोदन नहीं हो सका। मालूम हो कि 2007 में उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि आयोग एवं बोर्ड के कर्मियों को मानव संसाधन विकास विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध पदस्थापन कर लिया जायेगा, लेकिन आज तक पदस्थापन नहीं हुआ। फलत: वेतन विघटित संस्थाओं के पुराने शीर्ष से ही दिया जाता रहा। इस पर वित्त विभाग ने भी कड़ी आपत्तिजतायी थी। इसे लेकर वित्त विभाग ने कई बार वेतन रोकने और कार्रवाई की भी बात कही, लेकिन कोई फलाफल नहीं निकला। इस कारण कुछ कर्मचारी अपने पुराने और कम वेतनमान पर ही सेवानिवृत्त हो गये और उन्हें सेवान्त लाभ नहीं मिला। बिहार कॉलेज सेवा आयोग के विविध नियामवली के कंडिका 13 में ये प्रावधान है कि यहां के कर्मियों का वेतन सचिवालय के कर्मियों के सदृश्य होगा, लेकिन अब भी यहां के कर्मचारी चौथे वेतनमान का लाभ पा रहे हैं(राष्ट्रीय सहारा,पटना,18.6.11)।

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