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18 जून 2011

यूपीःएमबीबीएस की साढ़े तीन सौ सीटें बढ़ेंगी

प्रदेश में मेडिकल में प्रवेश लेने वाले छात्रों को इस बार ज्यादा सीटें मिल सकेंगी। नये सत्र में प्रदेश के दो मेडिकल कालेजों के साथ ही अन्य कालेजों में भी सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। जुलाई में होने वाली काउंसलिंग में एमबीबीएस की साढ़े तीन सौ सीटों की बढ़ोतरी की गयी है। कम्बाइंड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) से एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले ज्यादा छात्रों को राजकीय मेडिकल कालेज में पढ़ायी का मौका मिल सकेगा। राजधानी स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विविद्यालय समेत प्रदेश के सात मेडिकल कालेजों आगरा, इलाहाबाद, कानपुर, गोरखपुर, झांसी व मेरठ में एमबीबीएस की कुल 750 सीटें हैं। ऐसे में मध्यम आय वर्ग के छात्रों को राजकीय मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की सीट नहीं मिल पाती है। इसके बाद उन्हें होम्योपैथी व आयुव्रेद कालेजों में प्रवेश करना होता है। दूसरी ओर निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की पढ़ायी पर चालीस से पचास लाख रुपये खर्च आने के कारण आम आदमी के लिए इसको वहन कर पाना संभव नहीं है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) को राजकीय मेडिकल कालेजों में सीटों की संख्या दोगुनी करने का प्रस्ताव भेजा था। एमसीआई ने इसमें संशोधन कर कुछ कालेजों में सीटों की संख्या बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इसमें चिकित्सा विविद्यालय की सीटों को 185 से बढ़ाकर दो सौ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त आगरा में 128 को बढ़ाकर 150, झांसी व गोरखपुर में 50-50 को बढ़ाकर सौ-सौ करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि झांसी में सीटों की संख्या बढ़ाकर 150 करने की मांग की गयी थी पर इसे नये सत्र में पचास की ही बढ़ोत्तरी दी गयी है। इसके अतिरिक्त कन्नौज व अम्बेडकर नगर मेडिकल कालेज में भी नये सत्र से एमबीबीएस में प्रवेश का निर्णय लिया गय है। इसमें सौ-सौ सीटें निर्धारित की गयीं हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन कालेजोंमें 190 व 170 सीटें हैं उन्हें भी बढ़ाकर दो सौ करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए किसी अतिरिक्त संसाधन बढ़ाने की जरूरत नहीं है। एमसीआई ने इस पर सहमति भी जतायी है। बढ़ी हुई सीटों पर प्रवेश के लिए शासन को एमसीआई को अंडरटेकिंग देनी है(सुनंदा डे,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,18.6.11)।

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