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26 जून 2011

छत्तीसगढ़ःआईआईटी में चयनितों की फीस देगा मंडल

आईआईटी में चयनित होने वाले राज्य के स्कूली बच्चों की पढ़ाई का खर्च अब माध्यमिक शिक्षा मंडल उठाएगा। शर्त केवल इतनी है कि बच्चों के माता-पिता इनकमटैक्स दाता न हों। शनिवार को माशिमं कार्यालय में आयोजित कार्यपालिका एवं वित्त समिति की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसी शैक्षणिक सत्र से यह सुविधा लागू की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि देश के किसी भी आईआईटी में पढ़ाई का सालाना औसतन खर्च तकरीबन एक लाख रुपए है। इसमें हॉस्टल का खर्च भी शामिल रहता है। गरीब परिवार के प्रतिभावान बच्चों के लिए यह पूरी फीस माशिमं अदा करेगा।

माशिमं का यह फैसला गरीब परिवार के प्रतिभावान बच्चों के लिए बड़ी सौगात साबित होगा। कई बार आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक आने के बाद भी गरीब परिवार के बच्चे फीस चुकाने की हैसियत न होने के कारण प्रवेश नहीं ले पाते।

बोर्ड के सदस्य संजय जोशी ने बताया कि आईआईटी में चयनित छात्रों को मंडल को इस बारे में सूचना देनी होगी। माशिमं ने फीस की सुविधा पाने के लिए कुछ मापदंड तय किए हैं। उन्हें पूरा करने के बाद यह सुविधा प्रदान की जाएगी।

नकलची स्कूलों पर शिकंजा :


नकल करवाने वाले स्कूलों पर नकेल कसने की तैयारी है। ऐसे स्कूल को आगामी वर्ष के लिए अतिरिक्त सीटें प्राप्त करना मुश्किल होगा। उन्हें माशिमं में पत्र लिखकर अनुमति लेनी होगी।

मान्यता पाना कठिन

इस सत्र से 10वीं-12वीं की मान्यता हासिल करना अब मुश्किल होगा। माशिमं की मान्यता समिति ने नवीन मान्यता के लिए मापदंड कड़े करने का निर्णय लिया है। संजीव श्रीवास्तव और आरपी पांडव को दो दिनों के भीतर प्रतिवेदन तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है(दैनिक भास्कर,रायपुर,26.6.11)।

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