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21 जून 2011

डीयूःकटऑफ का खेल, टॉपर्स भी ‘फेल’

डीयू में जारी दाखिले की दौड़ में सामान्य श्रेणी के लिए ओवदन प्रक्रिया के खत्म होने से कटऑफ का खेल इतना पेचीदा हो चला है कि टॉपर्स भी इसमें उलझे नजर आ रहे हैं।

टॉप कॉलेजों में दाखिले के इच्छुक इन टॉपर्स की व्यथा कुछ ऐसी है जैसे कोई दोनों हाथों में दाखिले का लड्डू थामे, सोच रहा है कि कौन-सा खाए और कौन-सा छोड़े। जबकि, सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि कॉमर्स स्ट्रीम से पढ़ाई करने के बाद एक अन्य टॉपर के लिए बेस्ट फोर में 95.5 प्रतिशत अंक लाने पर भी इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिला मुश्किल हो चला है।

सेंट स्टीफंस कॉलेज में सोमवार से शुरू हुई इंटरव्यू प्रक्रिया में हिस्सा लेने पहुंचे साइंस स्ट्रीम की छात्रा दिव्यानी गुप्ता ने बताया कि उनके बेस्ट फोर 96.75 प्रतिशत हैं और उन्होंने पहले ही एसआरसीसी में इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिला ले लिया है।

बावजूद इसके वह स्टीफंस में इंटरव्यू के लिए पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि यदि यहां नम्बर आ गया तो सोचना पड़ेगा कि कहां जाएं। इसी तरह, ह्यूमेनिटीज स्ट्रीम में सीबीएसई टॉप करने वाले निखिल पांधी भी स्टीफंस पहुंचे। उन्होंने 12वीं तक इकोनॉमिक्स नहीं पढ़ी है, फिर भी उन्हें इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिला चाहिए।

बेस्ट फोर में 97.5 प्रतिशत पाने वाले निखिल ने बताया कि उन्होंने इकोनॉमिक्स ऑनर्स में एसआरसीसी में दाखिला ले लिया है, लेकिन अभी फैसला नहीं किया है कि वह दोनों में से कौन से कॉलेज में दाखिल लें।

साइंस स्ट्रीम से साथ 12वीं करने वाले रचित दुआ ने भी कुछ ऐसी ही तैयारी कर रखी है, लेकिन अपनी मां के साथ स्टीफंस में इंटरव्यू देने पहुंचे रचित अभी भी यह तय नहीं कर पाए हैं कि आखिर कौन-सा कोर्स बेहतर है। रचित का बेस्ट फोर स्कोर 97 प्रतिशत है।


टॉपर्स का एक तबका वह भी है, जो साइंस स्ट्रीम के टॉपर्स के चलते परेशान है। ऐसी ही परेशान छात्रा सुरभि भाटिया ने कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं टॉप किया है और बेस्ट फोर में 95.5 प्रतिशत अंक पाए हैं। इसके बावजूद उनको न तो एसआरसीसी में इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिला मिला है और न ही स्टीफंस में। 

सुरभि को दूसरी कटऑफ में राहत की उम्मीद लगाई थी तो पता चला कि एसआरसीसी की दूसरी कटऑफ आ ही नहीं रही है और किरोड़ीमल कॉलेज कॉलेज ने इकोनॉमिक्स ऑनर्स के लिए 95.75 प्रतिशत पर दाखिले करने का फैसला किया है। ऐसे में उनके हाथ आने वाला अगला मौका भी चला गया है, यानि अब तीसरी कटऑफ का इंतजार करना होगा(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,21.6.11)।

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