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30 जून 2011

पंजाबःबच्चों के प्रोजेक्ट अभिभावकों के लिए सिरदर्द

स्कूल में विद्यार्थियों को छुट्टियों के अवसर पर दिए प्रोजेक्ट अभिभावकों के लिए सिरदर्दी बने हुए हैं। हालात यह है कि बच्चों का प्रोजेक्ट बनाने के लिए अभिभावक खुद तो इस तैयारी में लगे ही थे कि उन्होंने वर्करों को भी इसी तरफ लगाना पड़ रहा है।

अभिभावक सुरेश गोयल ने बताया कि सीबीएसई बोर्ड की तरफ से विद्यार्थियों को किसी प्रकार के प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधकों की तरफ से विद्यार्थियों पर पढ़ाई के साथ-साथ प्रोजेक्ट के लिए अधिक प्रेशर डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो स्कूलों में समर कैंप लगा विद्यार्थियों से रुपए वसूले जा रहे हैं और वहीं उनके प्रोजेक्ट तैयार करवाए जा रहे हैं।


इसके अलावा जिस विद्यार्थी ने समर कैंप में शामिल होने के लिए फीस नहीं दी, उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती। ऐसे हाल में अध्यापकों की तरफ से केवल विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट के लिए पांच से छह सब्जेक्ट दे दिए जाते हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों को किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई कि उसमें क्या होना चाहिए व कैसे होना चाहिए। 
तरसेम सिंह ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में कंपीटिशन का दौर होने पर विद्यार्थियों पर स्कूल प्रबंधकों की तरफ से प्रोजेक्ट का अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को पर्यावरण, प्रदूषण, गार्बेज, हेरिटेज व सांस्कृतिक से रूबरू होने वाले प्रोजेक्ट तैयार करवाने के लिए कहा है। ऐसे में इन प्रोजेक्टों को तैयार करने के लिए मटीरियल ही महंगा होने के कारण प्रोजेक्ट के लिए एक हजार रुपए तक खर्च पहुंच जाता है(दैनिक भास्कर,जालंधर,30.6.11)।

2 टिप्‍पणियां:

  1. सी बी एस सी ने कोई आर्डर नहीं दिया सही खा आप ने..लेकिन 'रचनात्मक मूल्यांकन' के अंतर्गत [जो कि एक टर्म में ४० अंक का होता है]पाठ सम्बंधित प्रोजेक्ट आदि गतिविधियाँ कक्षा में शिक्षक के सहयोग से करवाने की सलाह दी है.जो हर बार व्यवहारिक नहीं हो पाता .
    प्रोजेक्ट छुट्टियों में इसलिए दिए गए होंगे ताकि सामान्य पढाई के दिनों में छात्र इन पर समय बर्बाद न करें ओर छुट्टियों में इन्हें पूरा कर लें.

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  2. आप ने बताया कि स्कूलों में 'अगर विद्यार्थी ने समर कैंप में शामिल होने के लिए फीस नहीं दी, उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती।'
    - यह बहुत ही गलत बात है इसकी शिकायत की जानी चाहिए.
    सी बी एस सी के निर्देश अनुसार प्रोजेक्ट आदि गतिविधियाँ स्कूल में शिक्षकों की निगरानी और देखरेख में ही होनी चाहिए और
    अभिभावकों पर इन का अतिरिक्त भार नहीं पड़ना चाहिए.

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