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22 जून 2011

डीयूःछात्र दूसरी कटऑफ से निराश, तीसरी से आस

कटऑफ के फेर में उलझे छात्रों के लिए तीसरी कटऑफ राहत बनकर सामने आ सकती है। नो एंट्री या फिर कटऑफ में मामूली गिरावट वाले टॉप कॉलेजों में तीसरी कटऑफ में अच्छी खासी गिरावट के कयास अभी से लगाए जाने लगे हैं।

इसका पहला कारण होगा सेंट स्टीफंस कॉलेज में उपलब्ध 10 पाठ्यक्रमों में दाखिलों का शुरू होना और दूसरा कारण होगा दाखिला सुरक्षित करके चलने वाले छात्रों का पसंदीदा कॉलेजा का रुख करना। ऐसे में तीसरी कटऑफ छात्रों के लिए पहली व दूसरी कटऑफ के मुकाबले ज्यादा राहत देने वाली हो सकती है।

सेंट स्टीफंस कॉलेज की बात करें तो यहां बीते सालों तक डीयू के अन्य कॉलेजों की दाखिला प्रक्रिया शुरू होने से पहली ही 10 पाठ्यक्रमों की 400 सीटों पर दाखिले हो जाते थे, लेकिन इस बार चूंकि डीयू की दाखिला प्रक्रिया भी बीते वर्षो के मुकाबले करीब एक सप्ताह आगे चल रही है, इसलिए इस बार स्टीफंस के दाखिले अभी हुए नहीं हैं और छात्रों ने टॉप कॉलेजों में सीटे सुरक्षित कर ली हैं। स्टीफं स कॉलेज में इंटरव्यू 20 जून से जारी है।

पाठ्यक्रमों के इंटरव्यू पूरे होने के बाद दाखिले शुरू होते ही टॉप कॉलेजों में सीटें सुरक्षित किए बैठे छात्र स्टीफंस आएंगे, जिससे सीटें खाली होंगी। स्टीफं स कॉलेज में एडमिशन कमेटी के प्रमुख डॉ. केएम मैथ्यू की मानें तो बहुत ज्यादा तो नहीं, लेकिन 400 में से करीब 150 सीटों पर तो टॉपर्स अन्य कॉलेज छोड़ स्टीफंस का रुख करेंगे।

उन्होंने कहा कि एसआरसीसी से तो नहीं, लेकिन हंसराज, कि रोड़ीमल, रामजस, हिन्दू, एलएसआर, गार्गी, मिरांडा हाउस सरीखे कॉलेजों से छात्र-छात्राएं जरूरी स्टीफंस का रुख करेंगे।


इस बाबत जब एसआरसीसी के प्रिंसिपल डॉ. पीसी जैन से पूछा गया तो उनका कहना था कि वह पहले ही सीटों की अपेक्षा अधिक दाखिले कर चुके हैं, ऐसे में 10-20 बच्चे यदि किसी दूसरे कॉलेज में चले भी जाएंगे तो बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। कमोबेश हिन्दू कॉलेज में भी यही स्थिति है। 

यहां भी बीकॉम ऑनर्स, इकोनॉमिक्स ऑनर्स में शिफ्टिंग का असर नहीं होगा, लेकिन यदि फिजिक्स, केमिस्ट्री के छात्र जाते हैं तो तीसरी कटऑफ में दाखिलों की राह देखनी होगी। हालांकि, यह भी दूसरी कटऑफ के दाखिलों पर निर्भर करेगा। डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा की मानें तो शिफ्टिंग होगी और तीसरी कटऑफ पर इसका सीधा असर भी नजर आएगा। 

उन्होंने बताया कि स्टीफंस में दाखिलों के चलते शिफ्टिंग जल्द ही देखने को मिलेगी। वहीं, आईपी युनिवर्सिटी में अभी तक बीटेक की काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है और साइंस स्ट्रीम के वे छात्र जो इंजीनियरिंग में दाखिले की चाह रखते हैं, वे भी डीयू छोड़ आईपी का रुख करेंगे, इसलिए छात्र धर्य रखें क्योंकि तीसरी कटऑफ में कई और विकल्प उभरकर सामने आएंगे। 

मौका नहीं छोड़ रहे हैं छात्र 

पहली कटऑफ के बाद हुए दाखिले और दूसरी कटऑफ के मिजाज के विषय में जब डिप्टी डीन छात्र कल्याण डॉ. गुरुप्रीत सिंह टुटेजा से पूछा गया तो उनका कहना था कि सारा खेल हाथ में आए अवसर के भुनाने का है। छात्र नहीं चाहते हैं कि हाई कटऑफ के बाद भी वह दाखिले से वंचित रह जाएं। 

इसके चलते उन्होंने पहली कटऑफ में ही पापुलर कोर्सेज को फुल कर दिया है। साइंस के बच्चों का कॉमर्स-ह्यूमेनिटीज और कॉमर्स के छात्रों का साइंस पाठ्यक्रमों व ह्यूमेनिटीज के छात्रों का हिन्दी, राजनीति विज्ञान व इतिहास में दाखिला लेना साबित करता है कि छात्र दाखिले के मोर्चे पर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इसके लिए वे स्ट्रीम से बाहर जाकर भी पढ़ने को तैयार हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,22.6.11)।

नवभारत टाइम्स में भूपेंद्र की रिपोर्ट भी देखिएः
डीयू की सेकंड कट ऑफ लिस्ट के एडमिशन बुधवार से शुरू हो रहे हैं लेकिन असर आज से दिखना शुरू हो गया है। सेकंड लिस्ट आने के बाद भागमभाग शुरू हो गई है और स्टूडेंट्स कॉलेजों में एडमिशन कैंसल कराने पहुंचने लगे हैं। सेकंड लिस्ट में कई कोर्सेज के सामने एडमिशन क्लोज लिखा नजर आया होगा लेकिन कॉलेजों का कहना है कि अभी एडमिशन बंद करने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हो सकता है कि थर्ड लिस्ट में एडमिशन फिर से ओपन करने पड़ें। एसआरसीसी व हिंदू जैसे कुछ कॉलेजों को छोड़ दें तो बाकी कॉलेजों में अभी स्थिति साफ नहीं है।

इस हफ्ते बीबीएस व बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकनॉमिक्स कोर्स का फाइनल रिजल्ट आना बाकी है और रिजल्ट आने के बाद स्टूडेंट्स इन कोसेर्ज में भी शिफ्ट होंगे। ऐसे में इस बार एडमिशन प्रोसेस थर्ड व अगली लिस्ट में भी जारी रहेगा। कॉलेज प्रिंसिपलों का कहना है कि जिस कोर्स में एडमिशन क्लोज हुए हैं, उनमें किसी भी लिस्ट में एडमिशन ओपन किए जा सकते हैं। ऐसे में सेकंड लिस्ट में देखेंगे कि कितने स्टूडेंट्स ने नाम वापस लिया है। उनका कहना है कि अगर ओबीसी की सभी सीटें नहीं भरती तो उन सीटों पर भी दूसरी कैटिगरी के स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा। ऐसे में बीकॉम ऑनर्स कोर्स के एडमिशन फिर से ओपन होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

शहीद भगत सिंह कॉलेज में मंगलवार को 40 से अधिक स्टूडेंट्स ने बीकॉम ऑनर्स कोर्स में अपना एडमिशन वापस लिया है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. बी. सी. सहगल का कहना है कि अगले तीन दिन में यह नंबर और बढ़ेगा। हालांकि इस कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में जनरल कैटिगरी में डबल एडमिशन हो गए हैं।

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज ने बीकॉम ऑनर्स कोर्स की सेकंड कट ऑफ लिस्ट जारी नहीं की है लेकिन इस कॉलेज में जनरल कैटिगरी के 42 एडमिशन हुए हैं जबकि बीकॉम ऑनर्स की सीट 36 हैं। ऐसे में से स्टूडेंट्स नाम वापस लेते हैं तो थर्ड लिस्ट में एडमिशन फिर से ओपन करने पड़ेंगे। प्रिंसिपल डॉ. इंदजीत के मुताबिक इस बार पांच लिस्ट आने का नियम है और इसी को ध्यान में रखते हुए कॉलेज ने सेकंड लिस्ट में इंतजार करने का फैसला किया है।

सत्यवती कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की 154 सीटें हैं और अभी 80 एडमिशन हुए हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शम्सुल इस्लाम ने बताया कि एडमिशन विड्रॉ कराने के लिए स्टूडेंट्स आने शुरू हो गए हैं और बुधवार से यह प्रोसेस तेज हो जाएगा। वह कहते हैं कि एक स्टूडेंट्स ने कई- कई कॉलेजों में एडमिशन लिया है और सभी कोसेर्ज में एडमिशन विड्रॉ होंगे। स्टूडेंट्स को निराश नहीं होना चाहिए और थर्ड लिस्ट में भी चांस मिलेंगे।

डीडीयू कॉलेज में मंगलवार को करीब 10 स्टूडेंट्स ने नाम वापस लिया है। इनमें बीकॉम ऑनर्स में एडमिशन लेने वाले तीन स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। कॉलेज के मुताबिक बीकॉम ऑनर्स में कई ऐसे स्टूडेंट्स ने भी एडमिशन लिया है, जो बीबीएस में इंटरव्यू देने जा रहे हैं। अगर उन स्टूडेंट्स का सिलेक्शन बीबीएस में होता है तो वे बीकॉम ऑनर्स कोर्स को छोड़ सकते हैं।

डीडीयू कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स में जनरल कैटिगरी की 62 सीट हैं और 80 एडमिशन हुए हैं। हालांकि कॉलेज ने सेकंड लिस्ट में एडमिशन क्लोज नहीं किए हैं लेकिन कट ऑफ पहले की तरह ही 92 पर्सेंट है। ऐसे में अगर बीबीएस व बिजनेस इकनॉमिक्स कोर्स का रिजल्ट आने के बाद विड्रॉ ज्यादा हो जाते हैं तो कॉलेज में एडमिशन थर्ड लिस्ट में भी जारी रहेंगे।

शिवाजी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. शशि निझावन का कहना है कि जिन कोसेर्ज में एडमिशन क्लोज किए गए हैं उनमें 20 से 30 एडमिशन अधिक हुए हैं। हर कोर्स में स्टूडेंट्स अपना एडमिशन कैंसल कराएंगे और ओबीसी कैटिगरी की सीटें भी फुल नहीं हुई हैं। इन सब मसलों को देखा जाएगा और थर्ड लिस्ट में स्टूडेंट्स को फिर से मौका मिल सकता है।

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