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18 जून 2011

बिहार की मांगःछात्रवृत्ति वृद्धि का आधा खर्च वहन करे केंद्र

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की ओर से देश भर के कल्याण मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार ने अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में राज्य में हाल में की गई वृद्धि का आधा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन करने की जोरदार तरीके से मांग उठाई। छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने से बिहार सरकार पर करीब 100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। बिहार के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री जीतनराम मांझी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैला ढोने वालों के पुर्नवास के लिये दी जाने वाली दस हजार रुपये की सब्सिडी राशि भी पर्याप्त नहीं है। इसे बढ़ाकर तीस हजार रुपये कर देना चाहिये। दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन का आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उद्घाटन किया। केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक सहित विभिन्न राज्यों के कल्याण मंत्री और उनके सचिव इसमें भाग ले रहे हैं। बिहार की ओर से राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्ला, पिछड़ा व अति पिछड़ा कल्याण मंत्री हरिप्रसाद साह और कल्याण सचिव अमिताभ वर्मा इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। सम्मेलन में मांझी ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह से अनुसूचित जाति-जनजाति के लिये कल्याण उपशीर्ष बनाकर उनकी आबादी के अनुपात में राशि का आवंटन किया जा रहा है ऐसी ही व्यवस्था अन्य राज्यों में भी होनी चाहिये। बिहार के कल्याण मंत्री ने कहा कि पिछड़े वर्ग में जिस तरह से अति पिछड़े वर्ग को अलग किया गया, उसी तरह राज्य में अनुसूचित जाति के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों के कल्याण के लिये महादलित विकास मिशन बनाया है ऐसा ही प्रयोग अन्य राज्यों में भी होना चाहिए(दैनिक जागरण,दिल्ली,18.6.11)।

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