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18 जून 2011

गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटीःभाषा में छात्र हुए कम,आईटी कोर्स बने पहली पसंद

समय के साथ न बदलने वाले कभी जमाने के साथ नहीं चल पाते। और अगर जमाने की गति पकड़ ली जाए तो सफलता आपके कदम चूम सकती है। मन में कुछ ऐसी ही उमंगें लिए शहर की लड़कियां अपडेट टेक्नोलॉजी कोर्सेज को ज्यादा महत्व दे रही हैं। जीएनडीयू के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले केवल पांच साल में ही इन कोर्सेज में लड़कों की बनिस्बत लड़कियों की संख्या बढ़ी है। इसे लेकर भास्कर ने विभिन्न कालेजों में जाकर लड़कियों से बातचीत की तो स्थिति अपने आप साफ हो गई। इस दौरान लगभग 50 लड़कियों से बात की गई, जिसमें से ज्यादातर आईटी व कंप्यूटर कोर्सेज में दाखिले को प्राथमिकता दी।

भाषा कोर्सों में स्टूडेंट कम
भास्कर के सर्वे के अनुसार 26 फीसदी लड़कियां कंप्यूटर, 18 फीसदी मीडिया, 5 फीसदी कामर्स और 3 फीसदी अन्य क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छुक दिखीं। खास बात यह है कि एमए इंग्लिश, पंजाबी, हिंदी, इकनॉमिक्स आदि में रुझान कम हुआ है। इसके अलावा 26 फीसदी लड़कियां जॉब के लिए मेट्रो शहरों में जाने को तैयार हैं, जबकि 19 फीसदी शहर, 4 फीसदी दोनों जगह और 1 फीसदी विदेश में जाकर जॉब करना चाहती हैं।


बदलाव की दरकार 
शहर की ज्यादातर लड़कियां थ्योरी की बजाय प्रेक्टिकल शिक्षा को प्राथमिकता देती हैं। सिमरन, करणप्रीत, अनहद, अमनप्रीत और ऋतु का कहना है कि शिक्षा में बदलाव की आवश्यकता है। केवल थ्योरी नहीं ज्यादा से ज्यादा वर्कशॉप पर बल दिया जाना चाहिए। 

पेरेंट्स का नजरिया बदला
हालांकि शहर की 40 फीसदी लड़कियों का मानना है कि आज के समय में पेरेंट्स का नजरिया काफी बदल चुका है। वह चाहते है कि उनकी बेटियां पढ़ लिखकर समाज में आगे बढ़े। जबकि दूसरी ओर 10 फीसदी लड़कियों के अनुसार आज भी पेरेंट्स का नजरिया रुढ़ीवाद में रहने वाले लोगों जैसा है(अवनप्रीत कौर,दैनिक भास्कर,अमृतसर,18.6.11)।

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