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26 जून 2011

बिलासपुरःआदिवासी बच्चों को पढ़ाएगी सेंट्रल यूनिवर्सिटी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी आदिवासी बच्चों के लिए केजी से लेकर 12वीं तक स्कूल शुरू करेगी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बिलासपुर में प्रारंभ होने वाले इस स्कूल का प्रारूप कुलपति लक्ष्मण चतुर्वेदी जुलाई अंत तक राज्य सरकार को सौंप देंगे। स्कूल में आदिवासी बच्चों को शिक्षा के साथ मुफ्त में भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

कुलपति डा. लक्ष्मण चतुर्वेदी ने बताया कि इस स्कूल को खोले जाने का उद्देश्य यह है कि आदिवासी बहुल इस प्रदेश में केजी से लेकर पीजी तक आदिवासी बच्चे सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ही पढ़कर अपना भविष्य गढ़ें।

उन्होंने बताया कि कुछ वर्षो पूर्व ओडिशा में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी में एक एनजीओ द्वारा चलाए जा रहे आदिवासी बच्चों के स्कूल की गतिविधियों को देखने के बाद उन्हें लगा कि इसी तर्ज पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विशाल कैंपस में भी एक योजना तैयार की जा सकती है। उनके इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने भी अपनी सैद्धांतिक सहमति जताई है। स्कूल के संचालन में बड़े औद्योगिक घरानों के साथ राज्य सरकार का भी सहयोग लिया जाएगा।

राष्ट्रपति के सामने भ्रम की स्थिति बनी


शुक्रवार को रायपुर में राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल से मुलाकात करने गए कुलपति लक्ष्मण चतुर्वेदी अपनी योजना को सही तरीके से बता नहीं पाए जिसके कारण भ्रम की स्थिति बन गई। दरअसल, राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल को गवर्नर हाउस में कुलपति ने जानकारी दी कि उनके विवि में एक भी आदिवासी बच्चा पढ़ाई नहीं कर रहा है। यह सुनकर राष्ट्रपति पाटिल काफी दुखी हुईं। 
उन्होंने नगर निगम के नए भवन के लोकार्पण समारोह में इस बात का जिक्र भी कर दिया। राष्ट्रपति ने मंच पर उपस्थित राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है। उनका सुझाव है कि यहां केजी से लेकर स्नातकोत्तर स्तर आदिवासी लड़के-लड़कियों के लिए अलग से स्कूल और कॉलेज खुलने चाहिए। 

मंच पर बैठे राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह भी राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल के कथन पर अवाक हो गए थे। उन्होंने राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह सहित राज्य शासन को सुझाव दिया कि राज्य में आदिवासियों की शिक्षा के लिए केजी से पीजी तक लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल और कालेज खुलने चाहिए। वे जब राजस्थान की राज्यपाल थीं तो उन्होंने ट्राइबल स्कूल और कालेज खुलवाए थे। 

राजस्थान में भी आदिवासियों की संख्या काफी अधिक है इसलिए ट्राइबल स्कूल और कालेज खुलवाए गए। बाद में कुलपति ने स्पष्टीकरण जरूर दिया वे अपनी बात सही तरीके से रख नहीं पाए 

इसलिए भ्रम की स्थिति निर्मित हुई। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एसटी, एससी और ओबीसी की सारी सीटों पर दाखिले हो रहे हैं। एक भी सीट खाली नहीं है। लगभग 350 से 400 सीटें आदिवासी छात्रों के लिए आरक्षित है(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,26.6.11)।

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