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27 जून 2011

उत्तराखंडःसीटीईटी परीक्षा में अभ्यर्थियों ने किया बवाल

सीटीईटी की परीक्षा में देरी से पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश न देने पर अभ्यर्थियों ने केंद्र पर जमकर बवाल किया। अभ्यर्थियों ने केंद्र का मुख्यद्वार खुलवाने के लिए पथराव भी किया फिर भी अभ्यर्थियों को परीक्षा नहीं देने दी गई। स्कूल प्रधानाचार्य ने घटना से इनकार किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने हंमागा कर रहे अभ्यर्थियों को किसी तरह शांत करवाया। सीटीईटी(केन्द्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा) की परीक्षा के लिए देहरादून में 14 सेंटर बनाए गए थे। इन सेंटरों में नौ हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को हिस्सा लेना था। रविवार को पहली पाली के दौरान सुबह साढ़े नौ बजे डिफेन्स कॉलोनी स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में करीब 14 से 15 अभ्यर्थी तय समय के करीब 20 से 25 मिनट देरी से पहुंचे। देरी से पहुंचने के कारण अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश देने से इनकार करते हुए उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया गया। अभ्यर्थियों ने संचालकों से परीक्षा देने का आग्रह किया परंतु फिर भी उन्हें प्रवेश नहीं दिया। इससे गुस्साए अभ्यर्थियों ने स्कूल गेट पर ही हंगामा मचाना शुरू कर दिया। स्कूल गेट न खुलने पर बवाल काट रहे अभ्यर्थियों ने स्कूल गेट पर पत्थर भी मारे। अभ्यर्थियों की इस कार्रवाई की सूचना किसी ने पुलिस को दी। पुलिस ने अभ्यर्थियों को किसी तरह शांत करवाया। हंगामा काट रहे अभ्यर्थी दूसरी पाली की परीक्षा दे पाए।
बीटीसी प्रशिक्षु शिक्षा मित्र संगठन की रविवार को अग्रवाल धर्मशाला में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बीटीसी प्रशिक्षुओं को अध्यापक पात्रता परीक्षा के दायरे से मुक्त रखने की मांग करते हुए ऐसा न होने पर बहिष्कार करने की चतावनी दी गई। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम को आधार बनाकर शिक्षा मित्रों को टीईटी के दायरे से मुक्त करने में असमर्थता जता रही है। इसके विपरीत प्रवेश परीक्षा आधार बनाकर नियमित बीटीसी प्रशिक्षुओं को टीईटी से मुक्त रखा गया है। इसलिए सरकार को सकारात्मक कदम उठाकर उन्हें टीईटी के दायरे से मुक्त रखना चाहिए(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,27.6.11)।

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