वक्त के साथ सोच को बदलते रहना चाहिए। अगर आप भी डीयू के ईवनिंग कॉलेजों को कम करके आंकते हैं तो आपके लिए एक ब्रेकिंग न्यूज है, डीयू के ईंवनिंग कॉलेजों का क्रेज भी लगातार बढ़ रहा है। डीयू में बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम कोर्स सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं और सभी ईवनिंग कॉलेजों में ये दोनों कोर्स पढ़ाए जाते हैं। यही वजह है कि इस बार ईंवनिंग कॉलेजों की कट ऑफ भी काफी हाई गई है। ईवनिंग कॉलेज कई स्टूडेंट्स की र्फस्ट चॉइस भी रहते हैं।
डीयू के ईवनिंग कॉलेजों (जिन्हें ऑफ्टरनून कॉलेज कहना ज्यादा ठीक रहेगा) में भी अब एडमिशन के लिए मारामारी देखने को मिल रही है। दरअसल यहां भी पॉपुलर बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं और इन दोनों कोसेर्स में एडमिशन के लिए कड़ा मुकाबला होने के चलते ईवनिंग कॉलेजों की भी डिमांड बढ़ रही है।
इनमें शाम को 4 बजे से क्लासेज शुरू नहीं होती बल्कि दोपहर 1 बजे शुरू होती है। कई ईवनिंग कॉलेज अब मॉर्निंग कॉलेजों में भी बदल रहे हैं। देव नगर में भी खालसा ईवनिंग था लेकिन अब यह मॉर्निंग कॉलेज हो गया है जिसका नाम श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज रखा गया है।
इसी तरह से देशबंधु ईवनिंग कॉलेज का नाम बदलकर रामानुजन कॉलेज रख दिया गया है और अगले साल से इस कॉलेज में भी मॉर्निंग क्लासेज शुरू हो जाएंगी। रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. पी. अग्रवाल का कहना है कि इस साल तो क्लासेज दोपहर डेढ़ बजे से ही शुरू होंगी लेकिन अगले साल से कॉलेज में सुबह से क्लासेज होंगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज की बिल्डिंग का नया प्लान तैयार है और मॉनिर्ंग में क्लासेज शुरू करने के लिए टेंपरेरी स्ट्रक्चर बनाया जाएगा।
फर्स्ट चॉइस भी बन रहा है ईवनिंग
दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक मल्होत्रा का कहना है कि ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं है, जिनकी र्फस्ट चॉइस ईवनिंग कॉलेज हैं। कॉमर्स कोसेर्ज करने वाले स्टूडेंट्स ग्रैजुएशन के साथ-साथ दूसरे कोर्स भी करना चाहते हैं।
ऐसे स्टूडेंट्स के पास ईवनिंग कॉलेज के रूप में बेहतर ऑप्शन होता है। इसके अलावा जो स्टूडेंट्स कॉमर्स कोसेर्ज में ही एडमिशन लेना चाहते हैं और उनका मॉर्निंग में एडमिशन नहीं हो पाता, वे भी ईवनिंग कॉलेजों में आ रहे हैं।
डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि इनका रिजल्ट बहुत से मॉर्निंग कॉलेजों से काफी बेहतर रहता है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स में र्फस्ट क्लास हासिल करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा है। इसके अलावा यूनिवसिर्टी टॉपर्स में भी यहां के स्टूडेंट्स होते हैं।
टॉप स्कूलों के स्टूडेंट्स इन कॉलेजों में आ रहे हैं, र्गल्स का नंबर बढ़ रहा है, कट ऑफ में भी अच्छा-खासा उछाल देखने को मिला है। खास बात यह है कि अब इन कॉलेजों की टाइमिंग भी स्टूडंेट्स को भा रही है। आफ्टरनून में ही क्लासेज शुरू हो जाती हैं। इन कॉलेजों में साइंस के सब्जेक्ट नहीं होते लेकिन कॉमर्स में तो हाई कट ऑफ लिस्ट देखने को मिल रही है। ईवनिंग कॉलेजों में डीपीएस, मॉडर्न, सेंट कोलंबस जैसे टॉप स्कूलों के स्टूडेंट्स भी एडमिशन ले रहे हैं।
ईवनिंग कॉलेजों में कट ऑफ
ईवनिंग कॉलेजों की कट ऑफ भी बढ़ रही है। इस साल दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की पहली कट ऑफ 83-88 और बीकॉम की कट ऑफ 80-85 है। शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 86-89 है। जाकिर हुसैन ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 87-92 तक गई है। मोती लाल नेहरू ईवनिंग कॉलेज ने बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 86-94 पर्सेंट पर तय की है।
गर्ल्स की संख्या बढ़ रही है
ईवनिंग कॉलेजों में अब र्गल्स की संख्या हर साल बढ़ रही है। प्रिंसिपलों का कहना है कि ईवनिंग कॉलेजों की प्रोग्रेस में र्गल्स स्टूडेंट्स का अहम रोल है। चाहे ऐकडेमिक रिजल्ट हो या फिर कल्चरल एक्टिविटी, हर फील्ड में यहां की र्गल्स स्टूडेंट्स डीयू में अपना नाम कमा रही हैं। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में कुल 1600 स्टूडेंट्स हैं, जिनमें से 700 र्गल्स हैं।
कॉलेज में र्गल्स की संख्या 40 पर्सेंट तक पहुंच गई है जबकि पहले यह संख्या बहुत कम थी। ईवनिंग कॉलेजों में इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार हो रहा है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज पहले शाम 6 बजे, फिर 4 बजे और अब 1 बजे से शुरू हो जाता है। डीयू के ईवनिंग कॉलेजों में कुछ साल पहले तक र्गल्स एडमिशन लेने से कतराती थी, क्लासेज देर से शुरू होना तो एक कारण था ही साथ ही सिक्युरिटी की भी प्रॉब्लम थी।
लेकिन ईवनिंग कॉलेजों ने गर्ल्स स्टूडेंट्स के लिए जहां कॉलेज की टाइमिंग आफ्टरनून में कर दी वहीं उन्हें एडमिशन में भी 3 से 5 पर्सेंट की छूट देनी शुरू की। इन चेंज से ट्रेंड भी बदला और अब हर ईवनिंग कॉलेज में हर साल र्गल्स की संख्या औसतन 5 पर्सेंट तक बढ़ रही है। कॉलेजों में 35 से 50 पर्सेंट तक र्गल्स है।
कितने कॉलेज हैं ईवनिंग में
रामानुजन कॉलेज (पहले देशबंधु ईवनिंग कॉलेज), दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज, पीजीडीएवी ईवनिंग कॉलेज, रामलाल आनंद ईवनिंग कॉलेज, शहीद भगत सिंह ईवनिंंग कॉलेज, श्याम लाल ईवनिंग कॉलेज, सत्यवती ईवनिंग कॉलेज, श्री अरविंदो ईवनिंग कॉलेज, जाकिर हुसैन ईवनिंग कॉलेज, मोतीलाल नेहरू ईवनिंग कॉलेज(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,18.6.11)।
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