मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

26 जून 2011

छत्तीसगढ़ का पीएमटी फर्जीवाड़ा: आरोपी स्टूडेंट्स के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई

पीएमटी पर्चा लीक मामले में संलिप्त सिम्स के स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सिम्स प्रबंधन को पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार है। प्रबंधन ने बिलासपुर-रायपुर पुलिस को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही स्वास्थ्य सचिव को मामले से अवगत करा दिया है।
पीएमटी से एक दिन पूर्व 18 जून की रात पर्चा लीक होने का खुलासा हुआ था। पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें अंबिकापुर निवासी आकाश जायसवाल (21 वर्ष) वर्तमान में डेंटल कालेज रायपुर में पढ़ाई कर रहा है।
इसके अलावा प्रतापपुर नाका अंबिकापुर निवासी हेमंत दीक्षित (22 वर्ष), लेन हटिया जिला रांची झारखंड निवासी रवि सिंह (25 वर्ष), चेरम झारखंड निवासी संजीत बनिया (26 वर्ष), रेलवे कालोनी कोरबा निवासी चंद्रमणी कुमार (28 वर्ष), पटना बिहार निवासी धीरज कुमार उपाध्याय (28 वर्ष), ग्राम चौंवार थाना वजीरगंज जिला गया बिहार निवासी अखिलेश पांडेय उर्फ बब्बू (26 वर्ष) व बैजनाथ गुप्ता मेडिकल डेंटल कालेज रायपुर शामिल हैं। मुख्य आरोपी संतोष सिंह उर्फ संजय सिंह सहित 2 लोग अब भी फरार हैं।
पकड़े गए आरोपियों में हेमंत दीक्षित व चंद्रमणी कुमार सिम्स में एमबीबीएस का स्टूडेंट्स है। हेमंत के बारे में सीआईडी की स्पेशल टीम को पता चला कि 2009 में उसके स्थान पर किसी और ने पीएमटी दिया था।
उसने बिहार के संजू सिंह गिरोह के जरिए परीक्षा पास की है। सीआईडी उसके बारे में जांच कर ही रही थी, कि इधर वह पर्चा लीक कांड में पकड़ा गया। इसके साथ ही चंद्रमणी कुमार के खिलाफ भी इसी तरह के फर्जीवाड़े की शिकायत थी, जिसकी जांच चल रही है। अब तक हुई जांच के अनुसार चंद्रमणी को अंबिकापुर में सांख्यिकी की परीक्षा में पकड़ा गया था।

उसे जेल भी हुई थी, लेकिन बाद में वह बरी हो गया। इसके बाद उसने फजीवाड़ा कर पीएमटी पास कर लिया। सीआईडी अभी इस मामले की जांच कर रही है। दूसरी तरफ सिम्स की एक छात्रा प्रीति सोनी भी फर्जी तरीके से 2010 की पीएमटी पास की थी। वह मूलत: भैयाथान सूरजपुर की निवासी है।
सीआईडी जांच के अनुसार प्रीति ने अपनी जगह किसी और लड़की को परीक्षा में बिठाया था। उसने अपना पता भी फर्जी दर्ज कराया था। जांच के दौरान न तो उसके हस्ताक्षर का मिलान हुआ और न ही फोटो का। उक्त स्टूडेंट्स के बारे में सिम्स प्रबंधन ने सारी जानकारी सीआईडी व जिला पुलिस को उपलब्ध करा दी है। साथ ही उसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
सिम्स से मिली जानकारी के मुताबिक डीन एसके मोहंती ने इस मामले को लेकर बिलासपुर एसपी अजय यादव, रायपुर एसपी दीपांशु काबरा व सेकेट्ररी स्वास्थ्य संचालनालय को पत्र लिखा है। उन्होंने उक्त स्टूडेंट्स के बारे में पुलिस कार्रवाई की जानकारी मांगी है। अंतिम कार्रवाई होने व पुलिस से रिपोर्ट मिलने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रीति लापता
बताया जा रहा है कि मामले के खुलासे के बाद से सिम्स की छात्रा लापता है। वह न तो सिम्स में है और न ही अपने निवास पर। उसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है।
"सेक्रेटरी हेल्थ को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। एसपी बिलासपुर व रायपुर को पत्र लिखकर पुलिस कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। पुलिस से रिपोर्ट मिलते ही फर्जीवाड़े में शामिल उक्त स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी भी तय है। "
एसके मोहंती, डीन सिम्स, बिलासपुर
‘डाक्टर’ भी आरोपी भेजा गया जेल
पीएमटी फर्जीवाड़े में तखतपुर पुलिस ने गिरोह को धर्मशाला उपलब्ध कराने वाले डाक्टर भाई साहू को भी आरोपी बनाया है। गिरोह को मदद करने के आरोप में उसे शनिवार को जेल भेज दिया गया।
उसके खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। साहू के घर से कुछ कागजात जब्त किए गए हैं।
पीएमटी का पर्चा लीक करने वाले गिरोह के लिए अग्रवाल धर्मशाला की बुकिंग तखतपुर में नेशनल एजुकेशन एकेडमी चलाने वाले डीबी साहू ने फर्जी नाम से की थी। मामले में उसकी शुरू से ही भूमिका संदिग्ध रही है। पुलिस ने उससे पूछताछ की, पर वह लगातार खुद को निर्दोष साबित करने में जुटा रहा।
पांच दिन पहले पुलिस उसे आरोपियों की शिनाख्त करने बिहार लेकर भी गई थी। यहां से लौटते ही उसके घर में दबिश देकर पुलिस ने कुछ कागजात जब्त किए गए। घर में पुलिस को क्या मिला, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
शनिवार को पुलिस ने डीबी साहू के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया। उस पर आरोपियों को सहयोग करने का आरोप है। शनिवार को उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के निर्देश पर उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
ऐसे बना ‘डाक्टर’
डीबी साहू का पूरा नाम डाक्टर भाई साहू है। उसे जानने वालों के मुताबिक उसके पैदा होने से पहले घर के लोग बीमार रहते थे। डीबी साहू के पिता फेकूलाल साहू परेशान था। इसी बीच कुछ लोगों ने उसे अपने पैदा होने वाले बेटे का नाम डाक्टर रखने की सलाह दी। फेकूलाल ने ऐसा ही किया।
वह इससे भी आगे निकल गया और अपने दूसरे बेटे का नाम ‘कंपाउंडर’ रख दिया। बताया जाता है कि इससे फेकूलाल घर में बीमार होने का सिलसिला थम गया। डीबी साहू तखतपुर में कई तरह के व्यवसाय करता है। उसका दवाखाना तो है ही, ठेकेदारी व टाइल्स का बिजनेस भी करता है। अल्टरनेटिव कालेज को उसने अपना प्रमुख व्यवसाय बनाया था(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,26.6.11)।

1 टिप्पणी:

  1. p m t ka parchha like hone ki khaber sey to sarkar bhi hil gai.22.000 vitharthi es parisha may biteyney waley they. sab k sath khilwad hua hai. raipur may bhi 3 logo ko pakad kar jail bhija gaya hai . yaha ganj thana karwaee kar raha hai. yaha ki karwahi bhi cid ko deni chhahiye.

    जवाब देंहटाएं

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।