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20 जून 2011

उ.प्र. प्राइवेट पॉलीटेक्निक फेडरेशन की मांगःछात्रों को निजी कालेजों की सूची भी दें

संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सफल छात्रों की पहली काउंसलिंग में ही छात्रों को राजकीय पॉलीटेक्निक के साथ-साथ निजी पॉलीटेक्निक की सूची भी उपलब्ध करायी जाए, ताकि राजकीय के बजाए निजी कालेजों में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों के सामने विकल्प खुले रहें। यह मांग रविवार को उत्तर प्रदेश प्राइवेट पॉलीटेक्निक फेडरेशन के तत्वावधान में प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में की गयी। वार्ता के दौरान फेडरेशन के अध्यक्ष विनाथ प्रसाद ने कहा कि पालीटेक्निक के छात्रों की काउंसलिंग दो दिन के बजाए एक दिन में करके प्रवेश प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूर्ण कर दी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित समस्त सरकारी व निजी पॉलीटेक्निक के नियम एक समान हैं, लेकिन काउंसलिंग के समय पहले सभी सरकारी पॉलीटेक्निक की सीटें भर ली जाती हैं। निजी पॉलीटेनिक की सीटें बाद में भरी जाती हैं। ऐसी स्थिति में निजी पॉलीटेक्निक की जो सीटें खाली रह जाती हैं, उन्हें भरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्थिति यह है कि किसी-किसी निजी पॉलीटेक्निक की समस्त सीटें खाली रह जाती हैं। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग के बाद निजी पॉलीटेक्निक के लिए चुने गये छात्रों की सूची संबंधित कालेज को भी उपलब्ध करायी जाए ताकि छात्रों से संपर्क किया जा सके। इसके अतिरिक्त यूपीटीयू के आधार पर 15 फीसद मैनेजमेण्ट कोटानिर्धारित करने तथा गरीब छात्रों के लिए 10 फीसद अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था भी की जाए। साथ ही अखिल भारतीय तकनीकी परिषद द्वारा सिक्योरिटी मनी पर ब्याज खुद लेने की नीति गलत है। उन्होंने कहा कि ब्याज की धनराशि समिति को मिलनी चाहिए ताकि कालेज और छात्रों का विकास और तेज गति से हो सके। मानक पर खरे उतरने वाले कालेजों को स्थायी मान्यता प्रदान की जाए। इस दौरान डिप्लोमा कोर्स तीन और दो वर्ष का होने के बावजूद प्रतिवर्ष रिनीवल की सरकारी नीति पर रोष जताया गया(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,20.6.11)

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