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16 जून 2011

बिहारःसाढ़े आठ हजार गोपाल मित्रों की होगी नियुक्ति

राज्य सरकार 8428 पंचायतों में गोपाल मित्र की नियुक्ति करेगी। गोपाल मित्र पशु चिकित्सा के अंतर्गत अन्य सेवाएं देने के साथ-साथ कृत्रिम गर्भाधान का कार्य भी करायेंगे। इसके साथ ही पशु चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए संविदा पर 121 पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की जायेगी। राज्य में अभी 773 नियमित एवं 404 संविदा पर नियुक्त पशु चिकित्सक कार्यरत हैं। इसमें 389 नियमित पशु चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेज दी गयी है। यह निर्णय बुधवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि गोपाल मित्र की नियुक्ति होने के बाद कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण देने के लिए चार प्रशिक्षण केन्द्र डुमरांव, पूर्णिया, गोपालगंज और पटना में स्थापित किये जा रहे हैं। डुमरांव का प्रशिक्षण केन्द्र तीन माह में और पटना का ‘ट्रोजेन सिमिन बैंक’ जुलाई से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि राज्य पशु प्रजनन नीति भी बनकर तैयार है। पशु प्रजनन नीति पर राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के बाद कार्रवाई की जायेगी। पशु चिकित्सकों की चिकित्सालयों में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश विभाग को दिया गया है। बैठक में अधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि 20 एमब्यूलेटरी वान (मोबाइल भान) खरीदी जायेगी। इस मोबाइल भान पर पशु चिकित्सक एवं पशुधन सहायक प्रतिनियुक्त होंगे जो गांवों में घूम कर पशु चिकित्सा का कार्य करेंगे। इस कार्यक्रम की सफलता के मूल्यांकन के बाद सरकार अन्य जिलों के लिए ऐसे पशु चिकित्सा मोबाइल भान खरीदने पर विचार करेगी। अधिकारियों ने बताया कि 527 पशु चिकित्सालयों का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा कराया जायेगा। इसके लिए 51 लाख रुपये की लागत से 254 पशु चिकित्सालय बनकर तैयार हो गये हैं। प्रत्येक पशु चिकित्सालय में कम्प्यूटर सेट भी स्थापित किये जा रहे हैं ताकि पशु चिकित्सा एवं वितरित दवाइयों से जुड़े अभिलेख संधारित हो सके। श्री मोदी ने बताया कि राज्य में 20 से 30 जून तक पशु स्वास्थ्य पखवारा आयोजित किया जायेगा। इस दौरान पशु चिकित्सक ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर पशुओं के रोग-निरोधी टीकाकरण का कार्य करेंगे। इस दौरान पशुधन सहायकों निजी क्षेत्र में कार्यरत पशु-चिकित्सकों एवं सेवानिवृत्त पशु चिकित्सकों की भी सेवाएं ली जायेगी। टीकाकरण का कार्य गलाघोंटू एवं लंगड़ी बीमारी से पशुओं के बचाव के लिए होगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,16.6.11)।

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