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16 जून 2011

डीयूःकटऑफ जारी होते ही कॉलेजों में उमड़ी भीड़

आवेदन फॉर्म की छुट्टी हो जाने से दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की पहली कटऑफ लिस्ट का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए बुधवार की सुबह कहीं खुशी तो कहीं गम की वजह बनी।

डीयू में उपलब्ध 54 हजार सीटों में सामान्य व ओबीसी उम्मीदवारों के लिए पहली कटऑफ लिस्ट जारी होते ही नॉर्थ और सॉउथ कैम्पस कॉलेजों में अचानक ही छात्र-छात्राओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इसकी वजह कहीं कॉलेज प्रशासन की गलती बनी तो कहीं दाखिले की चाह और कटऑफ प्रतिशत की जिज्ञासा छात्रों व उनके अभिभावकों को कैम्पस तक खींच लाई।

हालांकि, कटऑफ में जगह बनाने के बावजूद कॉलेजों की ओर से निर्धारित अलग-अलग मानकों ने भी छात्रों को खूब हैरान किया। किसी को बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए अंग्रेजी व गणित में 60 प्रतिशत अंक चाहिए तो किसी को एकॉउटेंसी में 95 प्रतिशत अंक।

कैम्पस कॉलेजों में शुमार रामजस कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स में बेस्ट फोर की जानकारी के लिए पहुंची छात्रा अंकिता ने बताया कि यहां दाखिले के लिए पहुंचने पर पता चला कि कॉलेज बेस्ट फोर में दो भाषाओं को शामिल नहीं किया जाता है।

यहां तीन अकेडमिक विषयों के साथ एक भाषा को बेस्ट फोर में शामिल किया जाता है। इसी तरह, हिन्दू कॉलेज पहुंचे छात्र आदित्य भारद्वाज ने बताया कि बीकॉम ऑनर्स के लिए जरूरी 95.5 प्रतिशत अंक तो उनके पास हैं, लेकिन एकाउंटेंसी में 95 अंकों की अनिवार्यता के चलते उनका दाखिला मुश्किल है क्योंकि उन्हें इतने अंक नहीं मिले हैं और यहीं वह कारण है कि कटऑफ में आने के बाद भी वह खुश नहीं हैं।


यह तो बात रही कॉलेज पहुंचे छात्रों की बेस्ट फोर की जानकारी को लेकर डीयू हेल्पलाइन पर भी दिन भर कॉल्स आती रहीं। स्टूडेंट काउंसलर्स बताते हैं कि ज्यादातर कॉल्स में बच्चे यही पूछ रहे थे कि वह बेस्ट फोर से कैसे निर्धारित करें। 

ऐसे में काउंसलर्स की ओर से भी छात्रों को यहीं सलाह दी गई कि बेस्ट फोर को लेकर कन्फ्यूजन कॉलेजों के अलग-अलग नियम हैं, इसलिए सही स्थिति कॉलेज से जानी जा सकती है। ऐसा नहीं है कि डीयू की पहली कटऑफ लिस्ट ने छात्रों को परेशान ही किया। 

हाई कटऑफ के चलते कॉमर्स व साइंस पाठ्यक्रमांे से परेशान छात्रों को ह्यूमेनिटीज में बड़ी राहतों ने खूब चौकाया भी। टॉप कॉलेजों में शुमार मैत्रयी कॉलेज में सुबह से ही बीए प्रोग्राम के लिए जारी 55-80 प्रतिशत की कटऑफ को लेकर छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ पहुंचना शुरू हो गई थीं। 

कॉलेज प्रशासन की गलती के चलते जमा हुई भीड़ के बाद नतीजा यह निकाला कि जहां दिन भी कॉलेज प्रबंधन अभिभावकों को छात्राओं को सफाई पेश करता रहा, वहीं देर शाम विश्वविद्यालय की ओर से लिखित तौर पर साफ कर दिया गया कि 55 को 65 पढ़ा जाए और इस तरह 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करने वाले इस कोर्स में अब सिर्फ 9 प्रतिशत की गिरावट रह गई। इसी तरह, खुशी की एक वजह श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स और हिन्दी ऑनर्स में आई गिरावट भी बनी।

कॉलेज पहुंची दाखिले की इच्छुक एक छात्रा अभिलाषा श्रीवास्तव ने बताया कि वह बेहद खुश हैं कि केट फोर इंग्लिश की परीक्षा से चूक जाने के बाद भी उनका अंग्रेजी ऑनर्स में दाखिला पहली की कटऑफ में सम्भव हो सका है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,16.6.11)।

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