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17 जून 2011

वीआईटी में इंदौर का परचम

वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) के एमसीए में प्रवेश के लिए हुई परीक्षा के परिणाम गुरुवार को जारी हुए। पिछले साल की तरह इस बार भी टॉप 10 विद्यार्थी शहर के ही रहे।

60 फीसदी मार्क्‍स जरूरी

वीआईटी में एमसीए प्रवेश परीक्षा के अलावा 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन के मार्क्‍स भी देखे जाते हैं। इन सभी में 60 फीसदी से ज्यादा मार्क्‍स वालों को ही प्रवेश की पात्रता होती है। इसके लिए मैथ्स अनिवार्य है। वीआईटी में 2010 में 180 सीटें थी जिसमें से 80 फीसदी विद्यार्थी प्रवेश परीक्षा में सफल होते रहे हैं। इस साल सीटों की संख्या 260 हो गई है।

सिस्टम एनालाइजर बनना है


ऑल इंडिया टॉपर रोशनी अरोरा का कहना है एनआईटी-एमसीए और वीआईटी एंट्रेंस परीक्षा का बहुत कुछ सिलेबस एक समान होता है। एमसीए के लिए मैथ्स बेहतर होना जरूरी है। रोशनी का सपना सिस्टम एनालाइजर बनना है ताकि सॉफ्टवेयर और सिस्टम को और बेहतर बनाया जा सके।
गलतियां सुधारी बने टॉपर

दूसरी रैंक पर रहे हिमांशु कुमरावत ने कहा एनआईटी को टारगेट बनाकर तैयारी की थी। थर्ड नंबर पर रहे श्रेयांस मलानी सफलता का श्रेय टाइम मैनेजमेंट को देते हैं। पूर्वा धर्माधिकारी ने बताया बिट्स पिलानी का ऑनलाइन टेस्ट दे चुकी थी इसलिए वीआईटी के ऑनलाइन टेस्ट में कोई परेशानी नहीं आई। 

एनआईटी से खुला रास्ता 

एक्सपर्ट जितेंद्र मिश्रा का कहना है इस बार वीआईटी ने एमसीए टेस्ट ऑनलाइन कराया था, जिसमें सर्वर डाउन होने से विद्यार्थियों का समय खराब हुआ था। इसके बावजूद वीआईटी में विद्यार्थियों को जगह मिलना बड़ी बात है(दैनिक भास्कर,इन्दौर,17.6.11)।

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