मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

26 जून 2011

यूपीःराजकीय कालेजों के प्राचार्य व शिक्षक बन सकेंगे डिप्टी व असिस्टेंट रजिस्ट्रार

सूबे के राज्य विविद्यालयों में रिक्त पड़े प्रशासनिक पदों को अब राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों से भरा जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए सभी विविद्यालयों को सकरुलर जारी किया है। इसके मुताबिमक राजकीय डिग्री कालेजों के प्राचार्य डिप्टी रजिस्ट्रार और शिक्षक असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर प्रतिनियुक्ति पर रखे जा सकेंगे। शासन के इस फैसले से विविद्यालयों में विभागीय प्रोन्नति कोटे से होने वाली नियुक्तियों पर रोक लग जाएगी। प्रदेश के विविद्यालयों में डिप्टी रजिस्ट्रार के 17 और असिस्टेंट रजिस्ट्रार के दर्जनों पद खाली हैं। विभागीय प्रोन्नतियों पर रोक की वजह से इन पदों पर तैनाती नहीं हो पा रही है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार पद पर दो तरीके से भर्त्ती होती है। इस श्रेणी के 50 फीसद पदों को सीधी भर्ती से तथा शेष विभागीय स्तर पर प्रोन्नति से भरे जाते हैं। सीधी भर्ती केन्द्रीयत सेवा से की जाती है। राज्य सरकार इस श्रेणी के पदों अब राजकीय शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति से भरेगी। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि अब असिस्टेंट रजिस्ट्रार पदों को राजकीय महाविद्यालयों के प्रवक्ताओं की प्रति नियुक्ति के जरिये भरा जाएगा। प्रतिनियुक्ति तीन से पांच वर्ष के लिए होगी और इसका विस्तार भी किया जा सकेगा। इसी तरह राजकीय डिग्री कालेजों के पीजी व यूजी प्राचायरे को प्रतिनियुक्ति देकर डिप्टी रजिस्ट्रार पर तैनाती दे दी जाएगी। सचिव उच्च शिक्षा ने परिषद के निदेशक को राजकीय डिग्री कालेजों के प्राचार्य व प्रवक्ताओं के आवेदनों को शासन को अपनी संस्तुति के साथ 30 जून तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि 16 जुलाई से शुरू होने वाले विविद्यालयों के नये शैक्षिक सत्र में इन प्रशासनिक पदों को भरा जा सके। मालूम हो कि राजकीय प्रदेश में 111 राजकीय डिग्री कालेज हैं, इनके प्राचार्य व विविद्यालयों के डिप्टी रजिस्ट्रार का वेतनमान व पे बैण्ड एक ही है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार का वेतनमान भी राजकीय डिग्री कालेजों के प्रवक्ताओं के बराबर है, ऐसे में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर लेकर विविद्यालयों में प्रशासनिक पदों पर तैनाती दी जा सकती है। हालांकि शासन के इस फैसले से विविद्यालय की सेवाओं से प्रोन्नति पाकर सहायक कुलसचिव पद पहुंचने का सपना संजाये कार्यालय अधीक्षकों को धक्का जरूर लगा है, लेकिन प्रोन्नतियों के आरक्षण के अमल का मामला कोर्ट में लम्बित होने के कारण विभागीय प्रोन्नतियों पर लगी रोक से रिक्त पदों को भरने की कोई गुंजाइश फिलवक्त नजर नहीं आ रही है। अब विविद्यालयों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन ने प्रतिनियुक्ति का रास्ता निकाल लिया है(कमल तिवारी,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.6.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।