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27 जून 2011

दिल्ली में है पीएमटी कांड का मास्टर माइंड

पीएमटी कांड का मास्टर माइंड संजय उर्फ संतोष सिंह के दिल्ली में छिपे होने के संकेत हैं। रायपुर-बिलासपुर पुलिस को उसके दिल्ली के ठिकानों के पते और मोबाइल नंबर मिले हैं।

पुलिस की टीमें उसका पता लगाने के लिए एक-दो दिनों में दिल्ली रवाना होगी। पीएमटी पर्चाकांड का पर्दाफाश संजय के पकड़े जाने के बाद होगा। उसके बाद ही यह पता चलेगा कि पर्चा लीक करने वालों में कौन-कौन शामिल हैं?

अफसरों के मुताबिक अभी इस कांड को लेकर केवल कयास लगाए जा रहे हैं। संजय से पूछताछ के बाद सारी स्थिति स्पष्ट होगी कि आखिर उसने प्रिंटिंग प्रेस से पर्चे उड़ाए या ट्रेजरी से। प्रश्नपत्र छपने के बाद जब प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षा सेंटर तक पहुंचाए जा रहे थे, तब क्या हुआ? इसका राज भी वही खोल सकता है।

व्यापमं द्वारा पीएमटी आयोजित करने का पूरा सिस्टम समझने के बाद अब पुलिस संजय को पकड़ने में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। पुलिस को संजय के दिल्ली के निवास का पता भी चल गया है। उसके दिल्ली वाले मोबाइल नंबर बंद हैं। पुलिस मोबाइल नंबर का डिटेल निकलवा रही है। उससे यह पता चल जाएगा कि उसने किस-किस से बात की है।


उन लोगों का नंबर मिलने के बाद पुलिस उनसे संजय के छिपने की जगह के बारे में मालूम करेगी। क्राइम ब्रांच की एक टीम आगरा रवाना होने वाली है। अफसरों का कहना है कि प्रिंटिंग प्रेस में पीएमटी जैसे गोपनीय दस्तावेज छापने के सिस्टम की पूरी जानकारी ली जाएगी। 

यह देखा जाएगा कि पर्चे छापने के दौरान कैसी सावधानी बरती जाती है। पीएमटी के पर्चे की छपायी के दौरान कौन-कौन कर्मी मौजूद रहे थे।उनकी जानकारी ली जाएगी।आवश्यकता पड़ने पर उनसे पूछताछ भी होगी। प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों से पर्चो की छपायी के बाद सेंटरों तक पहुंचाने का सिस्टम पूछा जाएगा।

आंबेडकर के डॉक्टरों से होगी पूछताछ

पर्चाकांड के बाद जांच के घेरे में आने वाले आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों से दोबारा पूछताछ होगी। बिलासपुर पुलिस उनसे पूछताछ कर चुकी है। क्राइम ब्रांच और रायपुर पुलिस भी उन्हें फिर बुलाने की तैयारी में है। उनके जरिये संजय का सुराग तलाश किया जाएगा।

ट्रेजरी के पर्चो की जांच तक नहीं हुई 

पीएमटी पर्चा लीक कांड की जांच कर रही रायपुर और बिलासपुर जिले की पुलिस परीक्षा के सिस्टम को ही समझने में उलझ कर रह गई है। अब तक प्रदेश की 16 ट्रेजरी में रखे पीएमटी की दूसरी पाली के पर्चो की जांच तक नहीं हो पाई है।ये पर्चे बाद में निरस्त कर दिए गए थे।

पर्चो के इन पैकेटों की जांच से साफ हो जाता है कि पर्चे ट्रेजरी से लीक हुए थे या नहीं। इतने अहम बिंदु पर पुलिस की ढिलाई हैरान करने वाली है। व्यावसायिक परीक्षा मंडल और पुलिस ने अब तक पर्चे सेट करने वाली परीक्षा एजेंसी माहिम पैटर्न प्राइवेट लिमिटेड आगरा को जांच से संबंधित कोई नोटिस जारी नहीं हो पाई है।

19 जून को निरस्त हुई परीक्षा के मामले में परत दर परत खुलासे हो रहे हैं, लेकिन पुलिस अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। जांच की गति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा निरस्त होने के एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी इन पर्चो की पुलिस ने कोई सुध नहीं ली है।

ट्रेजरी में रखे पर्चो के सील की जांच करने पर इस बात का खुलासा हो सकता है कि ट्रेजरी में रखे पर्चो से छेड़छाड़ की गई है या नहीं। दूसरी पाली के पर्चे ट्रेजरियों में जस के तस रखे हुए हैं। व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी ने पुलिस पूछताछ के दौरान मांग की थी कि जिलों के ट्रेजरी में रखे दूसरी पाली के पर्चो की जांच की जाए। उन्होंने कोषालयों से पर्चा लीक होने की भी आशंका व्यक्त की थी।

कंपनी को नोटिस देना भी भूले

व्यापमं की ओर से पर्चा लीक कांड की जांच पुलिस को सौंपने के बाद पुलिस या मंडल की ओर से अब तक माहिम पैटर्न प्राइवेट लिमिटेड आगरा को किसी भी तरह की कोई नोटिस जारी नहीं की गई है। इसके अलावा रायपुर या बिलासपुर जिले की पुलिस एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी आगरा प्रिंटिंग प्रेस में जांच के लिए नहीं गई। 

परीक्षा के जानकारों का कहना है कि परीक्षा होने के सात दिनों बाद भी जांच का दायरा सीमित होने की वजह से लीक कांड में शामिल लोग अपने बचाव के लिए सारे पक्ष तैयार कर चुके होंगे। ऐसे में पुलिस के हाथों में क्या आएगा इसे लेकर कई शंकाएं हैं। 

मंडल के अधिकारियों का कहना है कि पीएमटी पर्चा लीक कांड की जांच पुलिस को सौंप दी गई है, इसलिए कंपनी से पूछताछ भी पुलिस ही करेगी। कंपनी को परीक्षा का हर्जाना भरने के लिए भी नहीं कहा गया है। जबकि इससे पहले 11 मई को निरस्त हुई पीएमटी पर परीक्षा एजेंसी को काली सूची में डालने के साथ ही उसे नोटिस जारी कर दी गई थी। एजेंसी से 27 लाख रुपए हर्जाने की मांग भी की गई थी(दैनिक भास्कर,रायपुर,27.6.11)।

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