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25 जून 2011

बिहारःआसान नहीं अपने विद्यालय भी नामांकन लेना

प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में मैट्रिक के बेहतर रिजल्ट ने इस बार छात्रों को अपने विद्यालय में भी नामांकन लेने में परेशानियां खड़ी कर दी है। मैट्रिक बिहार बोर्ड व सीबीएसई के अच्छे परिणाम के कारण स्कूलों में अभ्यर्थियों का तांता लग रहा है तो अच्छे स्कूल या कालेज में नामांकन में भी छात्रों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
जाहिर हो इंटरमीडिएट में नामांकन का दौर प्रारंभ है। उच्च विद्यालयों से लेकर महाविद्यालयों में यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में नामांकन के लिए छात्रों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है। हालांकि, इस बार मैट्रिक परीक्षा के परिणाम का जो औसत रहा है उस हिसाब से अपने विद्यालय में भी नामांकन लेने में छात्रों के पसीने छूटेंगे इसमें दो राय नहीं। वैसे उम्मीद यह की जा रही है कि छात्रों की संख्या के मद्देनजर काउंसिल द्वारा पूर्व निर्धारित सीटों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इस बाबत एक स्कूल की प्राचार्या से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि प्रतिस्पद्र्धा के दौर में बहुतेरे छात्र तो जिले से बाहर पटना या बनारस जैसे शहरों में पढ़ने के लिए चले जाते हैं। शेष जो बचते हैं उनका नामांकन हो ही जाता है। उन्होंने बताया कि नामांकन के मामले में सभी स्कूल पहले अपने बच्चों को प्राथमिकता देते हैं। उसके बाद ही दूसरे स्कूल के बच्चों का नामांकन लेते हैं। इस परिस्थिति में जिन स्कूलों में +2 की व्यवस्था नहीं है, वहां के बच्चों को कड़ी प्रतिस्पद्र्धा का सामना करना पड़ जाता है(दैनिक जागरण,बक्सर,25.6.11)।

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