मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

18 जून 2011

पश्चिम बंगालःहाईकोर्ट ने ठहराया प्रधान वनपाल की नियुक्ति को अवैध

कोलकाता उच्च न्यायालय की एक बेंच ने राज्य के प्रधान मुख्य वनपाल के पद पर नियुक्त अतनु राहा की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। पश्चिम बंगाल के प्रधान मुख्य वनपाल (शोध) के पद पर आसीन मोहम्मद असगर सुलतान ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में पांच दिसंबर 2008 को एक याचिका दायर की थी कि उन्हें दरकिनार कर राज्य सरकार ने अतनु राहा को गैर कानूनी तरीके से नियुक्त किया है। 25 नवंबर 2009 को यह याचिका स्वीकार ली गई। उस समय न्यायाधिकरण ने राय दी थी कि एक अप्रैल 2007 को राज्य सरकार ने जिस मुख्य वनपाल के पद पर नियुक्त किया था वह पूरी तरह गैर कानूनी थी। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने 20010 में अपील की। उसी अपील पर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के जज प्रताप राय और हरीश टंडन ने अपना फैसला सुनाते हुए न्यायाधिकरण की राय को बहाल रखा। इस फैसले के बाद मोहम्मद असगर सुलतान ने कहा है कि फैसले के मद्देनजर अतनु राहा को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। फैसले में जजों ने कहा है कि राज्य के प्रधान मुख्य वनपाल शोध के पद पर याचिका कर्ता मोहम्मद असगर सुलतान को नियुक्त करना होगा। यह नियुक्ति एक अप्रैल 2007 से लागू मानी जाएगी। अतनु राहा को उनके पुराने पद पर वापस भेजना होगा। अदालत ने एक सप्ताह के भीतर अपने फैसले पर अमल करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि फैसले के बाद एक माह तक स्टे आर्डर कायम है। जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है। इस प्रसंग में प्रधान मुख्य वनपाल अतनु राहा ने कहा कि उन्हें फैसले की प्रति नहीं मिली है। एक माह का स्टे आर्डर है। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करती है कि नहीं यह देखने योग्य है। यह उनका मामला है। उन्हें केंद्र सरकार के आइएफएस के नियमों के तहत ही पद पर नियुक्ति दी गई है। उनकी योग्यता को देखते हुए यह पद दिया गया था। उम्मीद है कि अंतिम फैसला उनके हक में होगा। मो. असगर सुलतान ने कहा कि वही इस पद के लिए योग्य व्यक्ति थे। लेकिन पूर्व सरकार ने उन्हें दरकिनार कर अतनु राहा को नियुक्त किया था। भारतीय कानून ने उन्हें इंसाफ दिलाया है। वन मंत्री हितेन बर्मन ने कहा कि राय के बारे में सुना है। लेकिन लिखित रूप में फैसले की प्रति नहीं मिलने तक वे मंतव्य करना उचित नहीं समझते। सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाबत उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया। इस रोज वेस्ट बेंगाल फॉरेस्ट इंप्लाइज फेडरेशन के राज्य संयुक्त सचिव उदित नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुचित तरीके से अतनु राहा को उस पद पर बिठाया था। उन्हें हटाने के लिए हमने लंबे समय तक आंदोलन किया है। अतनु राहा को चाहिए कि वे तुरत अपने पद से इस्तीफा दें।
(दैनिक जागरण,मयनागुड़ी,18.6.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।