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17 जून 2011

डीयूःकिरोड़ीमल में भी सौ फीसदी कट-ऑफ

आवेदन फॉर्म के बिना अंजाम दी जा रही डीयू की दाखिला प्रक्रिया में कॉलेजों की कटऑफ हर दिन कुछ चौंकाने का काम कर रही है।

गुरुवार को एक नया खुलासा हुआ कि केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल की नाराजगी की वजह बना 100 प्रतिशत की कटऑफ जारी करने वाला श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) अकेला ऐसा कॉलेज नहीं है।

डीयू के किरोड़ीमल कॉलेज ने भी अपने यहां बीकॉम ऑनर्स में नॉन कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए 100 प्रतिशत की कटऑफ निकाली है। बस, फर्क इतना है कि एसआरसीसी के विपरीत किरोड़ीमल ने धुमा फिरा कर यही बात कही है। गौर करने लायक बात तो यह है कि एक कॉलेज जहां अपने फैसले कायम है तो दूसरा कॉलेज इस सवाल से ही बचता नजर आ रहा है कि आखिरी यह कटऑफ कैसे निकला।

15 जून को जारी पहली कटऑफ लिस्ट के लिए गुरुवार से शुरू हुई दाखिला प्रक्रिया के तहत सुबह से ही किरोड़ीमल कॉलेज में इस बात की चर्चा आम रही कि बीकॉम ऑनर्स में नॉन कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए 100 प्रतिशत की कटऑफ चाहिए।

नतीजा यह रहा है कि सुबह 10 बजे दोपहर एक बजे तक चली आवेदन प्रक्रिया के पहले दिन बीकॉम ऑनर्स मंे दो ही दाखिले हो सके। हालांकि, कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए यहां कटऑफ 97 प्रतिशत थी, लेकिन यहां भी वह एसआरसीसी के 96 प्रतिशत से आगे है और ऐसे में छात्रों की पहली पसंद किरोड़ीमल नहीं बन सका।

कॉलेज प्रशासन की ओर से जारी बीकॉम ऑनर्स की कटऑफ में स्पष्ट है कि एक भाषा और तीन कॉमर्स स्ट्रीम के विषयों के साथ दाखिले के इच्छुक छात्रों के लिए बेस्ट फोर कटऑफ 97 प्रतिशत है।

जबकि, कॉमर्स विषय में शुमार एकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडीज-कॉमर्स-मैनेजमेंट, इकोनॉमिक्स और मैथमेटिक्स विषयों के न होने की सूरत में भाषा के अतिरिक्त शेष सभी तीनों विषयों में आवेदक को निर्धारित 97 प्रतिशत से 4 प्रतिशत अंक ज्यादा चाहिए होंगे।

यानि, साइंस के वे छात्र जिनके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयोलॉजी है या फिर आर्ट्स के वे छात्र जिनके पार इतिहास, ज्योग्राफी व राजनीति विज्ञान है उनके लिए एक भाषा में 97 अंकों के साथ शेष तीन विषयों के लिए 303 अंक होना जरूरी है। इस तरह जब बेस्ट फोर निकाला जाएगा तो यह 100 फीसदी पहुंच जाता है।


कॉलेज प्रशासन ने साधी चुप्पी

नॉन कॉमर्स छात्रों के लिए 100 प्रतिशत की अनिवार्यता के मुद्दे पर जब कॉलेज में कॉमर्स एडमिशन प्रमुख डॉ. एसपी गुप्ता से पूछा गया तो उनका कहना था कि यह निणर्य मेरे अकेले का नहीं है और कटऑफ का निर्धारण एडमिशन कमेटी की ओर से किया गया है। जबकि, कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. भीमसेन सिंह से जब इस बाबत पूछने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार कर दिया(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,17.6.11)।

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