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25 जून 2011

डीयूःहॉस्टल की कट ऑफ होगी कॉलेज से हाई

डीयू के टॉप के कॉलेजों में इस बार कट ऑफ काफी हाई रही है और बड़ी संख्या में दिल्ली से बाहर के स्टूडेंट्स एडमिशन ले रहे हैं। ऐसे में हॉस्टल में एडमिशन चाहने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ गई है। हॉस्टल में जगह मिलने की आस बहुत से स्टूडेंट्स को है पर यह तय है कि हॉस्टल में एडमिशन की कट ऑफ कॉलेजों की कट ऑफ से ज्यादा ही रहेगी। हॉस्टल में सीट पाने का क्या है फंडा बता रहे हैं भूपेंद्र :

सीट का हिसाब ...

-12 कॉलेजों में स्टूडेंट्स को मिलती है हॉस्टल फैसिलिटी

- कॉलेजों में हर कोर्स के लिए तय होती हैं हॉस्टल में सीटें

- कुछ कॉलेजों में साइंस कोसेर्ज के स्टूडेंट्स की सीटें ज्यादा

- हॉस्टल में सीट के लिए अप्लाई करने का प्रोसेस शुरू

श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में जनरल कैटिगरी के स्टूडेंट्स को 96 पर्सेंट पर एडमिशन मिला था लेकिन हॉस्टल एडमिशन की कट ऑफ इससे भी हाई हो सकती है। इस बार कैंपस कॉलेजों में दिल्ली से बाहर के स्टूडेंट्स की पर्सेंटेज बढ़ गई है और हॉस्टल बाहर के स्टूडेंट्स को ही मिलता है।

इसके अलावा डीयू के जिन 12 कॉलेजों में हॉस्टल फैसिलिटी है, उनमें से 10 तो कैंपस कॉलेज हैं। ऐसे में पहले से कहीं अधिक स्टूडेंट्स हॉस्टल के लिए अप्लाई कर रहे हैं। एसआरसीसी में बीकॉम ऑनर्स कोर्स में एडमिशन के लिए 96 पर्सेंट कट ऑफ थी लेकिन 97, 98 पर्सेंट वालों ने भी एडमिशन लिया है, ऐसे में ये हाई स्कोरर स्टूडेंट्स हॉस्टल के लिए अप्लाई कर रहे हैं और साफ है कि हॉस्टल एडमिशन की कट ऑफ कॉलेज से भी ज्यादा रहेगी।

हॉस्टलों में एडमिशन का प्रोसेस शुरू हो चुका है। एसआरसीसी, हंसराज, हिंदू कॉलेज जुलाई में मेरिट लिस्ट जारी करेंगे वहीं मिरांडा हाउस ने हॉस्टल एडमिशन की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

जुलाई में आएगी हॉस्टल की फाइनल लिस्ट

एसआरसीसी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन कहते हैं कि उनके कॉलेज हॉस्टल में र्फस्ट ईयर में लड़कों के लिए 50 और लड़कियों के लिए 17 सीटें होती हैं। चूंकि कॉलेज में करीब 70 पर्सेंट स्टूडेंट्स दिल्ली से बाहर के एडमिट हुए हैं और सारे हाई स्कोरर स्टूडेंट्स हैं, इसलिए सबसे ज्यादा मार्क्स हासिल करने वाले स्टूडेंट्स को ही हॉस्टल मिल पाता है।

मसलन अगर किसी कोर्स में एक कैटिगरी के लिए 10 सीटें रिजर्व हैं तो मार्क्स के हिसाब से टॉप 10 स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल जाएगा और इन स्टूडेंट्स के मार्क्स कॉलेज एडमिशन की कट ऑफ से ज्यादा ही होंगे। डॉ. जैन ने बताया कि स्टूडेंट्स हॉस्टल के लिए अप्लाई कर रहे हैं लेकिन जुलाई के तीसरे हफ्ते में ही हॉस्टल की फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी।


हंसराज कॉलेज में र्फस्ट ईयर के स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल में करीब 100 सीटें हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वी. के. क्वात्रा ने बताया कि अभी कॉलेज में एडमिशन चल रहे हैं इसलिए हॉस्टल एडमिशन का प्रोसेस जुलाई में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि बीकॉम ऑनर्स, फिजिक्स ऑनर्स, केमिस्ट्री ऑनर्स हर कोर्स में सीटें रिजर्व होती हैं। 
जिस कोर्स में जितनी सीटें होती हैं, उस हिसाब से हॉस्टल की सीटें भी रिजर्व होती हैं। कोर्स के हिसाब से किसी कोर्स में 4 तो किसी में 5 सीटें हॉस्टल के लिए होती हैं। टॉप स्टूडेंट्स को हॉस्टल में जगह मिल जाती है। हंसराज कॉलेज में भी इस बार बाहर के स्टूडेंट्स की संख्या 60 पसेर्ंट तक पहुंच चुकी है। 

हिंदू कॉलेज में र्फस्ट ईयर के स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल में करीब 80 सीटें रिजर्व हैं। हॉस्टल के वॉर्डन डॉ. चंदचूड़ सिंह के मुताबिक उनके कॉलेज में हॉस्टल सीटों का जो रेश्यो है वह 20:1 का है। यानी अगर किसी कोर्स में 40 सीटें हैं तो हॉस्टल के लिए दो सीटें होंगी। उन्होंने बताया कि साइंस कोसेर्ज में ज्यादा स्टूडेंट्स एडमिट होते हैं और उनके लिए हॉस्टल में सीटें भी ज्यादा होती हैं। 

नॉर्थ कैंपस में 10, साउथ के दो कॉलेजों में हॉस्टल 

यहां मौजूद हॉस्टल फैसिलिटी के कारण इन कॉलेजों में एडमिशन के लिए भी भारी मारामारी देखने को मिलती है। बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स को सबसे बड़ी समस्या आवास की होती है और वे चाहते हैं कि कैंपस कॉलेजों में ही एडमिशन मिले ताकि रहने की समस्या भी न रहें। इस साल से नॉर्थ कैंपस के एसजीटीबी खालसा कॉलेज में भी स्टूडेंट्स को हॉस्टल की सुविधा मिलेगी। 

यहां पर गर्ल्स हॉस्टल तैयार किया जा रहा है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जसविंदर सिंह का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि मौजूदा सेशन में हॉस्टल बनकर तैयार हो जाएगा। हॉस्टल में 150 सीटें होंगी और र्फस्ट, सेकंड व थर्ड तीनों साल के स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा। किरोड़ीमल कॉलेज में र्फस्ट ईयर के स्टूडेंट्स के लिए करीब 50 सीटें हैं। कुछ कोसेर्ज को छोड़कर ज्यादातर में 90 पसेर्ंट से अधिक मार्क्स वालों को ही हॉस्टल मिल पाता है। रामजस कॉलेज में र्फस्ट ईयर में करीब 65 स्टूडेंट्स को हॉस्टल मिलता है। 

किन कॉलेजों में है हॉस्टल 

डीयू के दौलतराम कॉलेज फॉर वुमन, हंसराज कॉलेज (लड़कों के लिए), हिंदू कॉलेज (लड़कों के लिए), इंदप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमन, किरोड़ीमल कॉलेज (लड़कों के लिए), एलएसआर कॉलेज फॉर वुमन, मिरांडा हाउस (लड़कियों के लिए), रामजस कॉलेज (लड़के व लड़कियों के लिए), श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (लड़के व लड़कियों के लिए), सेंट स्टीफंस कॉलेज (लड़के व लड़कियों के लिए), श्री वेंकटेश्वर कॉलेज (लड़के व लड़कियों के लिए) और एसजीटीबी खालसा कॉलेज (लड़कियों के लिए) 

हॉस्टलों में फर्स्ट, सेकंड व थर्ड ईर्यर के स्टूडेंट्स की कुल सीटें (लगभग) 

किरोड़ीमल 170 

रामजस 200 

हंसराज 200 

खालसा कॉलेज 150 

मिरांडा हाउस 225 

एलएसआर 300 

आईपी कॉलेज 350 

हिंदू 218 

सेंट स्टीफंस 365 

एसआरसीसी 200 

दौलतराम 150 

वेंकटेश्वर 250 

( कॉलेज र्फस्ट ईयर में अपने हिसाब से सीटें तय करते हैं ) 

बढ़ गई है हॉस्टल फीस 

कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान दिल्ली यूनिवसिर्टी के कॉलेजों के हॉस्टलों को मॉडर्न लुक दिया गया था और स्टूडेंट्स को बिल्कुल नया हॉस्टल मिला। बेहतर रखरखाव के लिए कॉलेज अपने हॉस्टलों की फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं। 

सेंट स्टीफंस कॉलेज ने हॉस्टल फीस में करीब 20 फीसदी का इजाफा कर दिया है। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, किरोड़ीमल कॉलेज, रामजस कॉलेज भी फीस बढ़ोतरी की तैयारी में हैं। सेंट स्टीफंस कॉलेज में फर्स्ट सेमेस्टर में स्टूडेंट्स को 18,000 और सेकंड सेमेस्टर में 14,500 रुपये हॉस्टल फीस के रूप में देने होंगे। 

फर्स्ट सेमेस्टर में 12,000 रुपये मेस चार्ज भी देना होगा। एसआरसीसी में भी हॉस्टल फीस में कम से कम 15 पर्सेंट की तो बढ़ोतरी करनी ही होगी ताकि स्टूडेंट्स को पहले की तरह सुविधाएं मिलती रहें। किरोड़ीमल कॉलेज में भी हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी होगी। हालांकि छात्र संगठनों ने हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी का विरोध करना भी शुरू कर दिया है लेकिन कॉलेजों का कहना है कि महंगाई इतनी है कि फीस बढ़ाए बिना हॉस्टल नहीं चला सकते। कॉलेजों के मुताबिक, इसके बाद भी कॉलेजों के हॉस्टलों में रहना काफी सस्ता है जबकि कैंपस के आसपास रहना काफी महंगा हो गया है। 
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,25.6.11)

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