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21 जून 2011

बारहवीं के बाद शार्ट-टर्म कोर्स

बारहवीं के बाद का समय छात्रों के लिए उलझन भरा ही होता है। वे या तो ग्रेजुएशन में एडमिशन की भागदौड़ में लगे रहते हैं या फिर इंजीनियरिंग/मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की तैयारी में जुट जाते हैं। किसी को एडमिशन मिल जाता है तो कोई एडमिशन न मिलने से निराश हो जाता है। यदि मनमाफिक कोर्स और संस्थान में एडमिशन नहीं मिलता तो खाली हाथ बैठने की आवश्यकता नहीं है। अगले साल के इंतजार में शॉर्ट टर्म कोर्स कीजिए, जिससे करियर को नई दिशा मिल सके । कंप्यूटर कोर्स, एनिमेशन, फैशन डिजाइन, वेब डिजाइन, फिल्म मेकिंग, मैरीन इंजीनियर, इंटीरियर, आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, एकाउंटेंसी, जर्नलिज्म, मास कम्युनिकेशन, मीडिया, मेडिकल, आर्ट्स के अलावा ग्राफिक्स, हेयर एंड ब्यूटी, एविएशन एंड टूरिज्म आदि सैकड़ों फील्ड हैं जिनमें शॉर्ट-टर्म, पार्ट टाइम और जॉब ओरिएंटेड कोर्सेज उपलब्ध हैं, कोसरे के बारे में विनीत उत्पल-

कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर

कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) से जुड़े लोग काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं क्योंकि ग्लोबल मार्केटिंग से लेकर ई-मार्केटिंग तक हर कोई जुड़ा हुआ है। इंटरनेट ऑपरेटर, बैंकिंग, ट्रैवल एजेंसीज, एयरलाइंस कंपनियां, ट्रांसपोर्टर्स, बिजनेस-टू-बिजनेस आदि में लोगों की जरूरतें काफी बढ़ गई हैं। सीआरएम कोर्स करने के बाद इस फील्ड में असीम संभावनाएं हैं। देश में कई संस्थान संबंधित सीआरएम के कोर्स उपलब्ध करवाते हैं, जो दो महीने से एक साल की अवधि के होते हैं। सीआरएम कोर्स करने के बाद आप जहां बैंकिंग सेवा, इंटरनेट सर्विस के अलावा ई-कॉमर्स सेक्टर, रिटेल चेन आदि में जॉब पा सकते हैं, वहीं बतौर सीआरएम इंजीनियर, सीआरएम फंक्शनल कंसल्टेंट, सीआरएम टेक्निकल कंसल्टेंट और सीआरएम आर्किटेक्ट की भी मांग काफी बढ़ी है।

इवेंट मैनेजमेंट

शहरों में आजकल इवेंट मैनेजर्स की मांग काफी बढ़ गई है क्योंकि शादी, बर्थडे पार्टी, सेमिनार, वर्कशॉप से लेकर सोशल व कॉरपोरेट इवेंट के लिए इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की जरूरत है। इवेंट मैनेजमेंट से डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन बारहवीं के बाद मिल जाता है। कोर्स के बाद किसी भी पब्लिक रिलेशन्स कंपनी ज्वाइन किया जा सकता है।

फॉरेन लैंग्वेज


ग्लोबलाइजेशन के दौर में दूसरी विदेशी भाषाओं को जानना अनिवार्य हो गया है। यही कारण है कि कई संस्थान फॉरेन लैंग्वेज में कोर्सेज कराने लगे हैं। एमएनसी में भी द्विभाषिये की जरूरत महसूस होने लगी है, क्योंकि यहां व्यापक पैमाने पर रिपोर्ट, ट्रांजैक्शन सहित दूसरे कागजातों के अनुवाद करने के लिए लोगों की जरूरत होती है। वर्तमान दौर में फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, जापानी, स्पैनिश, रशियन, अरैबिक, पर्शियन और चीनी भाषा जानने वालों की मांग बढ़ी है। विभिन्न विषयों से संबंधित कोर्स करने के बाद स्कूलों में आप पढ़ा सकते हैं, किसी भी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में बतौर अनुवादक भी नौकरी कर सकते हैं। द्विभाषिये, टूरिस्ट गाइड, एयर हॉस्टेस, फ्लाइट स्टेर्वड के अलावा होटलों में पब्लिक रिलेशन्स ऑफीसर भी काम कर सकते हैं। इससे संबंधित कोर्स करने के बाद आप मल्टीनेशनल कंपनियों के अलावा यूएन आदि में भी नौकरी पा सकते हैं।

स्टॉक ब्रोकर

कोर्स इन दिनों यंगस्टर्स में काफी हद तक स्टॉक ब्रोकर बनने का रुझान दिख रहा है। ग्लोबलाइजेशन के दौर में इकोनॉमी और स्टॉक एक्सचेंज काफी प्रमुख हो गये हैं। ब्रोकर बनने के लिए आपको संबंधित कोर्स करना होगा, तभी आप लाखों के लेन-देन में भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि ब्रोकर बनने के लिए ग्रेजुएशन के साथ दो साल के अनुभव की आवश्यकता होती है लेकिन सब-ब्रोकर तो बारहवीं के बाद बना जा सकता है। इसमें आपको स्टॉक की डीलिंग के साथ कितने तरह के ट्रांजिक्शन होते हैं, आदि की जानकारी मिल जाएगी। को र्स करने के बाद अभ्यर्थी को सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इं डिया (एसईबीआई) में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही ब्रोकर बना जा सकता है। इसके बाद आप किसी भी बिजनेस हाउस, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म और इन्वेस्टमेंट बैंक में नौकरी पा सकते हैं या फिर डीलर या एनलिसिस्ट भी बन सकते हैं।

बुक पब्लिशिंग

किताबों का प्रकाशन सदियों से हो रहा है और बुक पब्लिशिं ग की दुनिया आसमान छू रही है। ऐसे में ‘नॉलेज इकोनॉमी’ के बढ़ते दबाव के कारण बुक पब्लिशिंग इंडस्ट्री काफी ग्रोथ कर रहा है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में इसमें करियर अपरच्यूनिटी बढ़ी है। हालांकि बुक पब्लिशिंग से संबंधित कई कोर्स उपलब्ध हैं लेकिन ट्रेनिंग कोर्स इन बुक पब्लिशिंग, कोर्स इन पब्लिशिंग, डिप्लोमा इन प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग, सर्टिफिकेट कोर्स इन बाइंडिंग एंड फिनिशिंग प्रमुख हैं, जो 12वीं के बाद किए जा सकते हैं। इससे संबंधित कोर्स करने के बाद बतौर प्रूफ रीडर, प्रोजेक्ट असिस्टेंट, कॉपी एडिटर, असिस्टेंट एडिटर, सब- एडिटर, रिसर्च एडिटर, लेखक आदि की नौकरी कर सकते हैं। प्रोडक्शन में आपकी रुचि हो तो बतौर प्रोडक्शन एक्जीक्यूटिव नौकरी कर सकते हैं। मार्केटिंग में जाना चाहें तो सेल्स एक्जीक्यू टिव या पब्लिसिटी एंड प्रो मोशन ऑफीसर की नौकरी कर सकते हैं।

ब्यूटी कोर्स

जिस तरह फैशन का बाजार बढ़ा है, उसी तरह लोग खुद की सुंदरता के प्रति जागरूक हुए हैं। इससे संबंधित कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कम से कम 12वीं पास होना आवश्यक है। साथ ही, इस फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक लोगों में पोलाइटनेस, केयरफुल, फ्रेंडली बिहेवियर, कॉन्फिडेंशियल जैसे गुण होने आवश्यक हैं। इससे संबंधित कोर्स में थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी दी जाती है। कोर्स खत्म होने के बाद बतौर ब्यूटीशियन आप या तो किसी कंपनी में काम कर सकते हैं या फिर प्राइवेट सैलून भी खोल सकते हैं।

एथिकल हैकिंग

इन दिनों भारत में ऑफलाइन और ऑनलाइन हैकिंग से संबंधित लोगों की डिमांड काफी है। इन्फॉम्रेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ी चाहे पब्लिक हो या प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां, अपने वेब प्रॉपर्टी को क्रिमिनल हैकिंग से बचाने के लिए एक्सपर्ट की सेवाएं ले रही हैं। एथिकल हैकिंग से जुड़े प्रोफेशनल्स को न सिर्फ इस मामले में तमाम जानकारियां होती हैं बल्कि वे जानते हैं कि कंपनी की कॉन्फिडेंशियल बातों को किस तरह गुप्त रखा जाए। वे हैकर्स के लोकेशन को भी ट्रेस कर सकते हैं। यह काफी जिम्मेदारी वाला पेशा है। इससे संबंधित कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। साइबर स्पेस की बहुलता, क्रेडिट कार्ड आदि के कारण इसके विशेषज्ञ की हर जगह जरूरत होती है । इस फील्ड में कुछ अनुभव करने के बाद सालाना 27 से 32 लाख रुपए आसानी से मिल जाते हैं।

वेब डिजाइनिंग

वेबसाइट डिजाइनिंग में भी अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसके पहले आपको एचटीएमएल, सीएसएस, फोटोशॉप, जावा स्क्रिप्ट आदि पर कमांड की जरूरत होगी। शुरुआती चरणों में आठ से दस हजार तक कमा सकते हैं। कॉपी राइटर, कंटेंट राइटर और मास कम्युनिकेशन में यदि आपको अंग्रेजी या हिंदी पर बेहतर कमांड है और आपको टाइपिंग आती है तो इस फील्ड में आप अपना भाग्य आजमा सकते हैं। अनुभव के बाद आप इस फील्ड में मनमाफिक पैसे कमा सकते हैं।

एडवरटाइजिंग

शुरू में ही कम से कम दस हजार रुपये महीने वाला पैकेज इस फील्ड में आसानी से मिल सकता है। इसके बाद आप जितना अच्छा काम करेंगे, उतने ही आगे बढ़ने के अवसर आपको मिलेंगे। इसके लिए आपमें रचनात्मकता होनी आवश्यक है। हालांकि भारत में इससे संबंधित कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं जो बारहवीं के बाद उपलब्ध हैं। इसके बाद आप रेडियो, टीवी, फिल्म, प्रिंट या दूसरे माध्यम में बतौर एडवरटाइजिंग एक्जीक्यूटिव, क्रिएटिव राइटर, पब्लिक रिलेशन्स ऑफीसर, पोस्टर राइटर, कॉपी राइटर, प्रोडक्शन प्रमोटर, स्क्रिप्ट राइटर, ग्राफिक डिजाइनर आदि के काम कर सकते हैं।

ट्रैवल एंड टूरिज्म

भारत में टूरिज्म इंडस्ट्री पिछले दशक में काफी बढ़ा है। यही कारण है कि ट्रैवल एंड टूरिज्म से जुड़े लोगों की मांग काफी है। यदि आपको थोड़ी- बहुत अंग्रेजी आती है और आप बेहतर ढंग से अंग्रेजी में बात कर सकते हैं तो यह फील्ड आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। कोर्स खत्म करने के बाद आप सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नौकरी कर सकते हैं क्योंकि ट्रैवल एंजेसी के साथ एयरलाइंस और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन आपका रास्ता देख रही है।

सप्लाई चेन मैनेजमेंट कोर्स

सप्लाई चेन मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की डिमांड मार्केट में किस कदर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब अधिकतर कंपनियां इसे काफी तवज्जो दे रही है। ‘चेन ऑफ आउटलेट्स’ और डिस्ट्रीब्यूशन चैनल की बढ़ती दुनिया के कारण इसके जानकार लोगों की मांग काफी है। इस फील्ड में वही टिक सकता है जो बेस्ट हो क्योंकि इनका काम ट्रासपोर्टेशन सेक्टर से लेकर एविएशन, लॉजिस्टिक कंपनियों, शिपिंग कॉरपोरेशन से लेकर मल्टी प्रोडक्ट कंपनियों में होता है।

साउंड रिकॉर्डिग कोर्स

साउंड रिकॉर्डिग से जुड़े लोगों की मांग इन दिनों काफी बढ़ गई है। इसके जानकारों को फिल्म डायरेक्शन, फिल्ड एडिटिंग से लेकर डांस आदि में रोजगार मिल जाता है। यह ऐसा टेक्निकल फील्ड है जिसकी मांग हमेशा से रही है क्योंकि डॉक्युमेंट्री फिल्मों, रेडियो ब्रॉडकास्टिंग आदि में इनकी जरूरत पड़ती है। इससे संबंधित कोर्स अंडर-ग्रेजुएट लेवल से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट लेवल उपलब्ध है। यदि आपका मनमाफिक विषयों में ग्रेजुएशन में एडमिशन नहीं हो पा रहा है तो निराश होने की जरूरत नहीं है। देश के विभिन्न शहरों में सरकारी और गैर-सरकारी दोनों संस्थान हैं, जहां इससे संबंधित कोर्स की पढ़ाई होती है।

फ्लैश, फोटोशॉप एंड एनीमेशन

फ्लैश और फोटोशॉप के साथ एनीमेशन की जानकारी आपको बेहतर नौकरी दिला सकती है जहां आपकी सैलरी 10 हजार से शुरू होकर 50 हजार या इसके भी अधिक हो सकती है। लेकिन शुरुआती दौर में इतनी अधिक सैलरी आपको नहीं मिल सकती। इसलिए पहले आप काम करें और सीखें। जब आप मास्टर हो जाएंगे तब पैसे के पीछे आप नहीं बल्कि पैसे आपके पीछे भागेगी।

कोर्सेज

डिप्लोमा इन जनरल नर्सिग एंड मिडवाइफरी डिप्लोमा कोर्स इन रेडियोलॉजी असिस्टेंट डिप्लोमा इन प्रोस्थेटिक्स एंड आथ्रेटिक्स बेसिक एंड एडवांस मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन डिप्लोमा डायसिस टेक डिप्लोमा एक्स-रे एंड ईसीजी टेक डिप्लोमा इन ऑपरेशन सर्टिफिकेट इन वार्ड एटेनडेंट मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन डिप्लोमा इन फाम्रेसी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट सेक्टेरियल प्रैक्टिस फैशन टेक्नोलॉजी फ्रंट ऑफिस असिस्टेंट कॉल सेंटर असिस्टेंट डेस्कटॉप पब्लिशिंग ऑपरेटर स्टेनोग्राफी सर्टिफिकेट इन ट्रेवल एंड टूरिस्ट डिजिटल फोटोग्राफी बुक कीपिंग एंड एकाउंटेंसी डोएक ’ओ‘ लेवल डिप्लोमा इन एडवांस्ड सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी सर्टिफिकेट इन इनफॉम्रेशन टेक्नोलॉजी सर्टिफिकेट इन यूएनआई एंड सी सर्टिफिकेट इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स कोर्स इन लोकल एरिया नेटवर्किग डीटीपी डिप्लोमा इन कंप्यूटर्स इन ऑफिस मैनेजमेंट कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किग मल्टीमीडिया एंड एनिमेशन/ग्राफिक्स डिजाइनिंग डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन वेब डिजाइनिंग सर्टिफिकेट इन प्रोग्रामिंग कंटेंट राइटिंग या कॉपी राइटर्स ऑनलाइन बिजने स एनालिस्ट सर्टिफिकेट इन फ्लैश एंड फोटोशॉप इंटरनेट मार्केटिंग मास कम्युनिकेशन डिप्लोमा इन एक्टिंग एंड डायरेक्शन

एयर टिकटिंग कोर्स

आज के दौर में एयर टिकटिंग में भी करियर की असीम संभावनाएं हैं। भारत में इससे संबंधित दो से छह महीने से लेकर एक साल के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके जरिए वे जान सकेंगे कि किस तरह संबंधित फ्लाइट्स की बुकिंग के साथ टिकट लिया जाता है। साथ ही, पैसेंजर को आने-जाने के लिए गाइड करने के साथ दूसरी आवश्यकताओं की जानकारी भी दे सकते हैं। वे टाइम टेबल बताते हैं, एयरलाइंस शेडय़ूल के साथ गाइड और टैरिफ बुक की जानकारी भी पैसेंजर को देते हैं। आज के दौर में कई एजेंसियां और एयरलाइंस कंपनियां इस तरह के लोगों को जॉब पर रखती हैं। इसमें प्रवेश के इच्छुक छात्रों में बेहतरीन बातचीत की क्षमता हो, मैनर आता हो और आकषर्क पर्सनालिटी हो(राष्ट्रीय सहारा,21.6.11)।

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