मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

24 जून 2011

डीयूःस्टीफंस को अचानक भायी स्पोर्ट्स पॉलिसी

दिल्ली विश्वविद्यालय के नियम-कायदों को दरकिनार कर हमेशा से अपनी अलग दाखिला प्रक्रिया अंजाम देने वाले सेंट स्टीफंस कॉलेज में अचानक विश्वविद्यालय की स्पोर्ट्स पॉलिसी पर अमल किया जा रहा है।

विश्वविद्यालय की ओर से इंटरनेशनल खिलाड़ियों को सीधे दाखिले देने के नियम का है, लेकिन इस नियम का भी कॉलेज आधा-अधूरा पालन करता नजर जा रहा है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. वॉल्सन थम्पू के निर्देशों पर सिर्फ दो ही खिलाड़ियों को कॉलेज दाखिला देने की बात कर रहा है।

जबकि, डीयू नियम कहता है कि कॉलेज में उपलब्ध सभी खेलों के लिए दाखिले के इच्छुक इंटरनेशनल खिलाड़ियों को दाखिला सीधे तौर पर देना होगा। साफ है कि कहीं न कहीं डीयू के नियम स्टीफंस कॉलेज के लिए सहूलियत का सौदा बन रहे हैं।

कॉलेज सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीती नौ जून को कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से अचानक एक नोटिस निकाला गया है जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय नियमों के अनुसार स्पोर्ट्स कोटे के दाखिलों में आने वाले इंटरनेशनल खिलाड़ियों को सीधे दाखिला दिया जाएगा, इसलिए कॉलेज इसका पालन कर रहा है।

कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से जारी नोटिस में आगे कहा गया है कि कॉलेज में सीटें सीमित हैं, इसलिए इस श्रेणी के तहत आने वाले सभी छात्रों को अवसर दे पाना मुमकिन नहीं है और नए सत्र के लिए सिर्फ दो ही इंटरनेशनल खिलाड़ियों का चुनाव किया जाएगा। कॉलेज प्रिंसिपल ने ऐसे छात्रों से बाकायदा उनकी ओर से दाखिलों को लेकर विशेष प्रेजेंटेशन भी मांगा गया है।


कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से इस आदेश के बाद से लगातार चर्चा आम है कि जब स्पोर्ट्स कोटे के दाखिलों के लिए जारी आवेदन प्रक्रिया को लेकर कॉलेज डीयू नियमों का पालन नहीं कर रहा है तो एकाएक इस व्यवस्था को क्यों लागू किया जा रहा है। 

बता दें कि डीयू की सेंट्रलाइज्ड स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत जहां विभिन्न कॉलेजों में स्पोर्ट्स कोटे के दाखिलों के लिए आवेदन प्रकिया 21 जून को शुरू हुई है, वहीं स्टीफंस कॉलेज अपने यहां न सिर्फ आवेदन बल्कि 13 से 19 जून के बीच 450 से ज्यादा आवेदकों के ट्रॉयल भी आयोजित कर चुका है। 

कॉलेज में हुए इन ट्रॉयल में फुटबाल के लिए करीब 150, क्रिकेट के लिए 100, बॉस्केट बॉल के लिए 100 से ज्यादा छात्रों ने दावेदारी पेश की है। 

इसके अलावा, शूटिंग, स्वीमिंग, स्क्वॉश और बैडमिंटन के लिए भी यहां स्पोर्ट्स कोटे के दाखिले हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब डीयू के नियमों से परे स्पोर्ट्स कोटे के दाखिले की प्रक्रिया जारी थी तो एकाएक सेंट्रलाइज्ड स्पोर्ट्स पॉलिसी के एक नियम को क्यों लागू किया जा रहा है। 

चुनाव का अधिकार प्रिंसिपल को

स्टीफंस कॉलेज में स्पोट्र्स कोटे के दाखिलों में उपलब्ध हर पाठ्यक्रम की करीब दो सीटों के कोटे पर जब इंटरनेशनल खिलाड़ियों के डॉयरेक्ट दाखिले के बाबत प्रिंसिपल डॉ. वॉल्सन थम्पू से पूछा गया तो उनका कहना था कि चुनाव का अधिकार उनके पास है। 

उनसे जब यह पूछा गया कि डीयू नियम के तहत तो स्पष्ट कहा गया है कि इंटरनेशनल स्तर के उन सभी खिलाड़ियों को सीधे दाखिला देना होगा, जिनसे जुड़ा खेल कॉलेज में उपलब्ध है तो डॉ. थम्पू का जवाब था कि कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे की सीटें सीमित हैं, 

इसलिए हम इस राहत का फायदा दो से ज्यादा छात्रों को नहीं दे सकते हैं और इसके चलते ही ऐसे छात्रों के अलग से आवेदन मांगे गए हैं। सभी आवेदकों में से दो का चुनाव वह खुद करेंगे और उन्हें दाखिला देंगे(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,24.6.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।