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23 जून 2011

डीयू में स्पोर्ट्स ट्रायल : कॉलेज मस्त, खिलाड़ी त्रस्त

डीयू खेलों को बढ़ावा देने के लिए कितना गम्भीर है इसकी पोल कॉलेजों में स्पोर्ट्स कोटे के दाखिलों में खुल रही है। खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने का दम भरने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक ही साल में सेंट्रलाइज्ड ट्रॉयल की व्यवस्था को तिलांजलि देकर अपना हाथ झाड़ लिया है।

ट्रॉयल के आयोजन को लेकर मिली स्वतंत्रता को लेकर जहां कॉलेज मस्त नजर आ रहे हैं, वहीं स्पोर्ट्स कोटे से दाखिले की चाह रखने वाले राष्ट्रीय-जोनल स्तर के खिलाड़ी अब उस दोराहे पर खड़े हैं जहां उन्हें तय करना ही होगा कि हिन्दू, हंसराज, रामजस व किरोड़ीमल में उनके लिए कौन बेहतर है।

पांच साल से लगातार हॉकी खेल रहे पुष्कर गोबल ने बताया कि वह नेशनल स्तर के खिलाड़ी हैं और अब जब वह स्पोर्ट्स कोटे के तहत डीयू में दाखिले के लिए पहुंचे तो पता चला है कि आगामी एक जुलाई को उनका ट्रॉयल है, वह भी दो जगह।


एक जुलाई को किरोड़ीमल कॉलेज में हॉकी के ट्रॉयल के साथ ही श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स भी छात्रों का चुनाव कर रहा है। पुष्कर ने बताया कि वह परेशान हैं कि अब किस कॉलेज को चुनें और किसे छोडे। बात सिर्फ किरोड़ीमल व श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के बीच ही खत्म नहीं होती है।
कैम्पस के दो अन्य कॉलेज 30 जून को सुबह आठ बजे शूटिंग का ट्रॉयल आयोजित कर रहे हैं, जिनमें रामजस और हंसराज कॉलेज के नाम शामिल हैं। न सिर्फ शूटिंग बल्कि 29 जून को ये बॉस्केटबॉल के ट्रॉयल भी करा रहे हैं। दोनों ही टॉप कॉलेजों में दाखिला हर खिलाड़ी की चाह होती है, लेकिन अब मजबूरन उन्हें एक का चुनाव करना होगा। 

30 जून को किकेट्र के स्पोर्ट्स ट्रॉयल के स्तर पर टकरा रहे हंसराज व हिन्दू कॉलेज के विषय में जब हिन्दू कॉलेज के स्पोर्ट्स शिक्षक जय इंद्रपाल सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि परेशानी तो है, लेकिन क्योंकि वैन्यू पहले से ही तय हो चुका है, इसलिए बदलाव मुमकिन नहीं है। 

उन्होंने बताया कि कॉलेज ने अपनी ओर से ट्रॉयल की तिथियां विश्वविद्यालय को भेज दी थीं और उनकी ओर से किसी तरह की आपत्ति न जताने के बाद ही निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्पोर्ट्स ट्रॉयल आयोजित किए जा रहे हैं। 

वैसे, कुछ छात्रों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी है कि उनकी तिथियां हंसराज से टकरा रही हैं लेकिन अब कॉलेज मजबूर है और छात्रों को ही फैसला करना है कि उन्हें कहां जाना है।

अगले वर्ष फिर सेंट्रलाइज्ड ट्रॉयल : 

स्पोर्ट्स कोटे के परेशान छात्रों के समक्ष खड़ी चुनाव की समस्या के विषय में जब डीन छात्र कल्याण प्रो. जेएम खुराना से पूछा गया तो उनका कहना था कि बीते साल लागू सेंट्रलाइज्ड स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत अभी भी डीयू की गाइडलाइंस लागू है। 

ट्रॉयल का जिम्मा किन्हीं कारणों से कॉलेजों को दिया गया है और जिस तरह की परेशान सामने आई है, उसे देखते हुए साफ है कि अगले दाखिला सत्र में कॉलेजों को ट्रॉयल कराने का अवसर नहीं दिया जाएगा। प्रो. खुराना ने कहा कि हमारी हमेशा से कोशिश रही है कि छात्रों को किसी मोर्चे पर परेशानी न हो, लेकिन कॉलेजों के रवैए के चलते अक्सर ऐसी परेशानी सामने आती रहती है। 

ईसीए ट्रॉयल में भी टकराव

स्पोर्ट्स ट्रॉयल की तिथियों के टकराने के साथ-साथ कॉलेजों में ईसीए की तिथियां भी कहीं-कहीं टकरा रही हैं। हालांकि, यह परेशानी स्पोर्ट्स के मुकाबले जरा कम है। अभी तक घोषित ट्रॉयल की तिथियों पर नजर डालें तो किरोड़ीमल कॉलेज व रामजस कॉलेज में म्यूजिक के ट्रॉयल की तिथियां टकरा रही हैं। 

किरोड़ीमल जहां इनका आयोजन दो से चार जुलाई के बीच कर रहा है, वहीं रामजस में इनका आयोजन चार-पांच जुलाई को हो रहा है। साफ है कि यहां भी छात्र-छात्राओं के समक्ष एक कॉलेज का चुनाव करने की समस्या खड़ी हो गई है(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,23.6.11)।

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