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30 जून 2011

एनआइटी दाखिलों में खत्म होगा गृह राज्यों का दबदबा

राष्ट्रीय प्रौद्यागिकी संस्थानों (एनआइटी) में दाखिले का मौजूदा तौर-तरीका बदल सकता है। एनआइटी में दाखिले के लिए गृह राज्य के छात्रों का कोटा 50 प्रतिशत तक सीमित किया जा सकता है। जबकि बाकी 50 प्रतिशत सीटें सिर्फ एआइईईई की रैंकिंग के जरिए गृह राज्य के बाहर के छात्रों से ही भरी जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा दाखिला व्यवस्था राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के गठन की मूल मंशा के विपरीत साबित हो रही है। इन संस्थानों को बनाने के पीछे मूल भावना राष्ट्रीय एकीकरण को और मजबूती देना था। इसीलिए उनमें 50 प्रतिशत सीटें उन राज्यों के छात्रों से भरी जानी हैं, जिस राज्य में वे स्थित हैं, जबकि बाकी 50 प्रतिशत सीटें उस राज्य के बाहर के एआइईईई (अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा) में सफल अभ्यर्थियों से उनकी मेरिट के आधार पर भरी जानी है। दाखिले की इस मौजूदा व्यवस्था के चलते 50 प्रतिशत छात्र तो गृह राज्य से दाखिला पा ही रहे हैं, जबकि एआइईईई में मेरिट के आधार पर भी गृह राज्य के बच्चों को दाखिला मिल जाता है।बताते हैं कि इसके चलते कई एनआइटी में उस राज्य के छात्रों को उनके कोटे से ज्यादा दाखिला मिल जा रहा है, जबकि बाहरी छात्रों का 50 प्रतिशत कोटा होने के बावजूद उनके साथ नाइंसाफी हो रही है। लिहाजा इस व्यवस्था में बदलाव की जरूरत महसूस की गई है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। बताते हैं कि उसमें भी एनआइटी के राष्ट्रीय स्वरूप को बनाए रखने पर सभी सहमत थे, लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका। सूत्र बताते हैं कि बैठक में एक सुझाव यह भी आया कि दाखिले की मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ इतना बदल दिया जाये कि संस्थान पहले एआइईईई की मेरिट वाले बाहरी छात्रों से ही उनका 50 प्रतिशत का कोटा भर दें और उसके बाद ही गृह राज्य के छात्रों का कोटा भरा जाए। ऐसा करने के लिए कानून में संशोधन भी नहीं करना होगा। यह महज एक अधिसूचना से किया जा सकता है। हालांकि इसमें उत्तर पूर्व के राज्यों में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि बाहरी छात्र वहां जाना पसंद नहीं करते। लिहाजा विस्तृत विचार-विमर्श के लिए इस मामले को डा. आरए माशेलकर की अध्यक्षता वाली समिति को सौंप दिया गया है(राजकेश्वर सिंह,दैनिक जागरण,दिल्ली,30.6.11)।

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