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22 जून 2011

डीयूःकहीं उपस्थिति तो कहीं सीडी का अड़ंगा

दयाल सिंह कॉलेज में उपस्थिति के कारण परीक्षा देने से रोके गए सभी छात्रों को दाखिला न दिए जाने से छात्रों का भविष्य अधर में फंसता जा रहा है। हालांकि कॉलेज का कहना है कि उसने उन छात्रों को दाखिला दिया है जो कटऑफ के दायरे में आते हैं।

दरअसल मामला ये है कि दयाल सिंह कॉलेज में मई में होने वाली परीक्षा में सैकड़ों छात्रों को उपस्थिति कम होने के कारण बैठने नहीं दिया गया था। जिसके विरोध में छात्रों ने काफी हंगामा किया था। स्टॉफ एसोसिएशन के अध्यक्ष पी.के.परिहार का कहना है कि कॉलेज उन छात्रों को दाखिला नहीं दे रहा है जिनको उपस्थिति कम होने के कारण परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया था जबकि कॉलेज को ऐसा करना चाहिए। वहीं दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य आई.एस.बख्शी का कहना है कि कॉलेज उपस्थिति कम होने के कारण निकाले गए उन छात्रों को मौका दे रहा है जो कि किसी कोर्स की कटऑफ में पूरी तरह फिट बैठते हैं।


उन्होंने कहा कि जो छात्र फेल होते हैं उनको कॉलेज दोबारा दाखिला देता है पर ऐसे छात्रों को फिर से एडमिशन लेना पड़ता है। बख्शी ने कहा कि जो छात्र कटऑफ के दायरे में आ रहे थे कॉलेज ने उन्हें दाखिला दे दिया है। कई छात्रों को दाखिला मिल भी चुका है, जो कटऑफ के दायरे में नहीं आएंगे उन्हें दाखिला नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि दयाल सिंह कॉलेज ने करीब तीन सौ छात्रों को परीक्षा देने से वंचित कर दिया था। कॉलेज के एक शिक्षक ने छात्रों की इस समस्या के बावत वाइसचांसलर को पत्र भी लिखा है।

दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के प्राचार्य एम.एस.रावत कहते हैं कि हमारा कॉलेज ऐसा छात्रों को दाखिला देता है जो कि मेडिकल या अन्य वाजिब कारणों से परीक्षा में नहीं बैठ पाए। हम उनके सर्टिफिकेट की जांच करते हैं और उसके बाद उन्हें दाखिला दे देते हैं। साउथ कैंपस के कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि हमारा कॉलेज उन छात्रों को दोबारा से दाखिला दे देता है जो किसी भी कारण से परीक्षा नहीं दे पाते। उन्हें नए साल की कटऑफ के पैमाने पर खरा उतरने की जरूरत नहीं है(हिंदुस्तान,दिल्ली,22.6.11)।

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