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30 जून 2011

यूपीःउर्दू शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ

मुख्यमंत्री सुश्री मायावती की पहल पर मोअल्लिम-ए-उर्दू प्रशिक्षण प्राप्त हजारों अभ्यर्थियों की उर्दू शिक्षक के पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। सुश्री मायावती के संज्ञान में बसपा के नेताओं द्वारा यह बात लायी गयी थी कि मोअल्लिम-ए- उर्दू उपाधि धारक अभ्यर्थियों को उर्दू अध्यापकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय ने आदेश दिये थे, परन्तु सरकार द्वारा इसके विरुद्ध विशे अनुज्ञा याचिका दायर करने के कारण उन्हें नियुक्ति का अवसर प्राप्त नहीं हो पा रहा था। मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकरण में उदारता पूर्वक विचार करते हुए राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपील को वापस लेने का निर्णय लिया गया। इसके फलस्वरूप मोअल्लिम-ए-उर्दू धारकों को उर्दू अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि मोअल्लिम-ए-उर्दू प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को राज्य सरकार द्वारा 1997 तक बीटीसी प्रशिक्षण की समकक्षता प्रदान की गयी थी और पूर्व में इस प्रकार की सभी समकक्षताओं को समाप्त कर दिया गया था। मोअल्लिम-ए-उर्दू धारकों की निरन्तर यह मांग रही है कि जो अभ्यर्थी 1997 के पूर्व इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर चुके हैं उनकी नियुक्ति बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में उर्दू अध्यापकों के रूप में में की जाये। उच्च न्यायालय ने भी वर्ष 1997 के पूर्व मोअल्लिम-ए-उर्दू के प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए अर्ह माना है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गयी अपील विचाराधीन थी। अब इसके वापस ले लिये जाने के बाद इस दिशा में आ रही रुकावटें दूर हो गयी हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,30.6.11)।

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