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22 जून 2011

डोमिसाइल नीति में पेंच, मुश्किल में दिल्ली के मेडिकल छात्र

डीयू में प्रवेश की दिक्कतें अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि मेडिकल के क्षेत्र में कैरियर बनाने का सपना देखने वाले दिल्ली के छात्रों के लिए नई परेशानी खड़ी हो गई। डीयूमेट की परीक्षा देने वाले छात्रों ने डीन से दिल्ली की डोमेसाइल नीति में बदलाव करने की मांग की है। इस मुद्दे पर मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले छात्र हाईकोर्ट में रिट डालने का भी मन बना रहे हैं।

डीयू हर साल पीएमटी (प्रीमेडिकल टेस्ट) के जरिए मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। इसमें 85 प्रतिशत सीटों पर मूल रूप से दिल्ली में रहने वाले छात्रों और 15 प्रतिशत सीट पर ऑल इंडिया पीएमटी के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। डीयूमेट की तैयारी करने वाले छात्रों ने आरोप लगाया है कि डोमेसाइल नीति की खामियों के चलते अन्य राज्यों के छात्र आसानी से 85 प्रतिशत सीटों पर भी आसानी से दावेदारी करते हैं। राजधानी के किसी भी स्कूल से 11 व 12वीं की परीक्षा देकर बाहरी छात्र राजधानी के स्थाई निवासी का प्रमाणपत्र ले रहे हैं। जबकि यहीं छात्र अन्य राज्यों के मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए भी आवेदन करते पाए गए हैं। हालांकि डीयू ने इस बात की जानकारी से इंकार किया है कि छात्र प्रवेश के लिए दो जगह के डोमेसाइल पर पंजीकरण करा रहे हैं। 6 जुलाई से शुरू होने वाली पीएमटी की काउंसलिंग से पहले डीन के पास पहुंचे पीएमटी छात्रों के मांग पत्र ने परेशानी पैदा कर दी है। मालूम हो कि राजधानी में 22 जुलाई को डीयूमेट की परीक्षा हुई, जिसका परिणाम 2 जून का घोषित किया गया।


दो जगह कराया पंजीकरण 

वर्ष 2011-12 की डीयूमेट की परीक्षा में बैठने वाले दो दजर्न से अधिक छात्रों ने एक ही परीक्षा के लिए दो जगह इंनरोलमेंट कराया, जिसकी सूची डीयू को उपलब्ध कराई गई है। हरियाण पीएमटी में रोलनंबर संख्या 130091 से पंजीकरण कराने वाले हेमंत त्यागी ने डीयूमेट से 30581 रोलनंबर से परीक्षा दी। वहीं राजस्थान पीएमटी से 100089 रोलनंबर पर परीक्षा देने वाली नेहा गुप्ता ने एक ही समय में डीयूमेट से 38660 नंबर पर परीक्षा दी। जानकारों का कहना है कोचिंग संचालक छात्रों को दिल्ली से 11वीं व 12वीं पास करवाते हैं(निशिभाट,हिंदुस्तान,दिल्ली,22.6.11)।

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