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24 जून 2011

झारखंडःइंटर में यह कैसा खेल! थ्योरी में पास, प्रैक्टिकल में फेल

इंटर परिणाम के विरोध में राज्य भर के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कोई झारखंड एकेडमिक काउंसिल को कोस रहा है, तो कोई मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को। पर जो छात्र-छात्राएं प्रैक्टिकल में फेल है। इसके लिए कौन दोषी है, इस का फैसला कौन करेगा।

जानकारों के अनुसार, कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के वजह से ही दर्जनों छात्राओं को प्रैक्टिकल में फेल होना पड़ा है। थ्योरी में पास व प्रैक्टिकल में फेल हुई दर्जनों छात्राएं गुरुवार को एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ विद्यावति कुशवाहा से मिली। छात्राएं संबंधित विषय की शिक्षिका पर जानबूझ कर फेल करने का आरोप लगा रही थीं। छात्राओं की माने तो उनका प्रैक्टिकल परीक्षा काफी अच्छा गया था। इसके बाद भी उन्हें फेल कर दिया गया।

ट्यूशन नहीं पढ़ने पर किया गया फेल

छात्राओं का आरोप है कि संबंधित विषय की शिक्षिका से ट्यूशन नहीं पढ़ने के कारण फेल किया गया। ऑटर्स में छह सौ से अधिक छात्राओं ने परीक्षा दी थी। इसमें लगभग दर्जनों छात्राओं को प्रैक्टिकल में फेल कर दिया गया है। जबकि जो छात्राएं उक्त शिक्षिका के यहां ट्यूशन पढ़ती थीं उन्हें प्रैक्टिकल में अच्छे अंक दिए गए। छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन को पत्र लिख कर प्रैक्टिकल में फेल होने का आधार पूछा है। पत्र में कहा है कि उन्हें प्रैक्टिकल की कॉपी दिखाई जाए। साथ ही प्रोजेक्ट वर्क व वायवा में कितना अंक मिला, इसकी भी जानकारी दी जाए(अखिलेश कुमार,दैनिक भास्कर,धनबाद,24.6.11)।

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