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29 जुलाई 2011

पटनाःविद्युत बोर्ड में बहाल होंगे 10 हजार कर्मी

बिहार राज्य विद्युत बोर्ड अगले तीन वर्षो में दस हजार कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा। इस वर्ष एक हजार कर्मचारियों की नियुक्ति की जायेगी। राज्य को केंद्रीय प्रक्षेत्रों से 1726 से 1772 मेगावाट बिजली का आवंटन निर्धारित है, लेकिन 900-1000 मेगावाट बिजली ही मिल पाती है। इनमें से नेपाल, रेलवे, डिफेन्स, एयरपोर्ट, पटना शहर एवं अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए 750 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है। शेष बिजली प्रदेश के अन्य भागों को आपूर्ति की जाती है। विद्युत बोर्ड के पुनर्गठन से संबंधित निर्णय कैबिनेट की अगली बैठक में लिया जायेगा। बोर्ड को पांच कंपनियों में बांटा जायेगा। मुख्यमंत्री सचिवालय को अगले तीन से चार महीने में सोलर ऊर्जा से ऊर्जान्वित कर दिया जायेगा। इसके साथ ही राज्य के 700 स्टेट बोरिंग को सौर ऊर्जा से ऊर्जान्वित करने की योजना है। इस पर केंद्र सरकार पचास फीसदी अनुदान देगी। ये बातें ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अजय नायक और बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष पीके राय ने बृहस्पतिवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अभियंतण्रकॉलेजों और पॉलीटेक्निक कॉलेजों से 400 कनीय अभियंताओं का कैम्पस सेलेक्शन के जरिये नियोजन हो चुका है। इसके अलावा 250 कनीय लेखा लिपिक, 216 बटन परिचालन, 22 अदक्ष खलासी, एक विद्युतजल 210 कनीय सारणी पुरुष, चार संदेशवाहक, 40 निम्न वर्गीय लिपिक, 40 निम्न वर्गी सहायक, 13 श्रम कल्याण पदाधिकारी और सात परामर्शी की नियुक्ति की जा चुकी है। अनुकंपा के आधार पर भी 32 मृत कर्मचारियों के आश्रितों की नियुक्ति की गयी है। प्रधान सचिव ने कहा कि 2003 के एक्ट के तहत बिहार राज्य विद्युत बोर्ड को खस्ता हाल से उबारने के लिए इसका पुनर्गठन अनिवार्य हो गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा। इसके बाद बोर्ड को पांच भागों में विभक्त किया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,29.7.11)।

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