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12 जुलाई 2011

बिहारःमेडिकल कॉलेज लाइब्रेरी से 12 हजार किताबें गायब!

राज्य के प्रसिद्ध पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (पीएमसीएच) की लाइब्रेरी से हजारों किताबें गायब हैं। 31 जुलाई, 2010 को सेवानिवृत्त हुए लाइब्रेरियन की रिपोर्ट के अनुसार यहां 23 हजार किताबें होनी चाहिए, लेकिन भौतिक सत्यापन में मात्र 12 हजार किताबों का ही हिसाब-किताब मिल रहा है। लाइब्रेरी से लगभग 11 हजार किताबें गायब हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में यहां 56 लाख रुपए की खरीदी गयी अंतराष्ट्रीय जर्नल तथा किताबों का भी हिसाबकिता ब नहीं मिल पा रहा है। बहरहाल, राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइब्रेरी की किताबें, जर्नल तथा अन्य मामलों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। पटना मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने भी इसकी जांच के लिए तीन वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम का गठन किया है। राज्य के इस सबसे पुराने एवं प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के लाइब्रेरी की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। इस महत्वपूर्ण लाइब्रेरी में बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। मेडिकल की किताबें काफी महंगी होती हैं। सभी छात्र इन किताबों को खरीदने में सक्षम नहीं होते। राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सकीय क्षेत्र में होनेवाले नये खोज तथा अविष्कार से अवगत करानेवाले जर्नल चिकित्सकीय पढ़ाई की रीढ़ होती है लेकिन ये महत्वपूर्ण किताबें लाइब्रेरी में नियमित रूप से उपलब्ध नहीं हो पातीं हैं। जानकार बताते हैं कि राज्य में मेडिकल के क्षेत्र में इससे पुरानी लाइब्रेरी कहीं नहीं है, लेकिन नियमित रख-रखाव के अभाव में इसकी स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। इसकी स्थापना कॉलेज के निर्माण के समय 1925 में की गई थी। उसके बाद से यहां कुछ भी नया नहीं हुआ। समय के साथ धीरे-धीरे कॉलेज का विकास होता गया। इस बीच, पटना मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनपी यादव ने कहा है कि जांच से अब तक जो बातें उभरकर सामने आयी है, उससे तो यही लगता है कि श्री झा ने बिना जांच- पड़ताल के ही यह रिपोर्ट दी थी कि यहां 23 हजार किताबें होनी चाहिए(प्रमोद कुमार,राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,12.7.11)।

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